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Up Kiran, Digital Desk:बिहार की सियासत में गुरुवार को बड़ा मोड़ आया जब तेजस्वी यादव ने आगामी विधानसभा चुनावों से पहले एक बड़ा चुनावी वादा किया। उन्होंने कहा कि अगर नवंबर में होने वाले चुनावों में महागठबंधन को बहुमत मिलता है, तो राज्य के हर घर से एक बेरोजगार को सरकारी नौकरी दी जाएगी।

तेजस्वी की इस घोषणा से राजद के चुनावी अभियान को नई ताकत मिली है। उन्होंने साफ कहा कि उनका लक्ष्य है "रोज़गार देना, बेरोजगारी भत्ता नहीं", जो मौजूदा सरकार पर एक सीधा हमला है।

कब होंगे बिहार विधानसभा चुनाव?

बिहार में विधानसभा चुनाव दो चरणों में होंगे—6 और 11 नवंबर, जबकि वोटों की गिनती 14 नवंबर को की जाएगी। यह चुनाव तय करेंगे कि राज्य की कमान एक बार फिर नीतीश कुमार के हाथ में जाएगी या तेजस्वी यादव अपनी सरकार बनाएंगे।

रोजगार पर फोकस, राजनीति से हटकर सीधी बात

पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने अपनी घोषणा को सिर्फ एक वादा नहीं, बल्कि "बदलाव की शुरुआत" बताया। उन्होंने कहा कि यह उनकी पहली बड़ी घोषणा है और आगे कई और फैसलों का खुलासा होगा।

उनका मानना है कि बिहार को अब "बेरोजगारी भत्ता" नहीं, बल्कि सटीक और स्थायी रोजगार की जरूरत है।

क्या बदल सकती है यह घोषणा?

राजद की इस रणनीति से युवा वोटर्स को आकर्षित करने की कोशिश की जा रही है, खासकर उन परिवारों को, जिनमें कोई भी सदस्य सरकारी नौकरी में नहीं है।

राजनीतिक जानकार मानते हैं कि यह घोषणा राजद के लिए गेम चेंजर साबित हो सकती है, बशर्ते जनता इस पर भरोसा करे।