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Up Kiran, Digital Desk: राष्ट्रीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम सामने आया है, जहाँ सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या के खिलाफ कर्नाटक में दर्ज एक FIR को रद्द कर दिया है। यह फैसला न केवल तेजस्वी सूर्या के लिए एक बड़ी राहत है, बल्कि इसने कर्नाटक सरकार को भी एक कड़ा संदेश दिया है, जिस पर कोर्ट ने ₹25 लाख का भारी जुर्माना भी लगाया है। यह मामला कर्नाटक की राजनीति में एक बड़ी बहस का विषय बन गया है।

क्या था पूरा मामला? यह FIR कथित तौर पर एक विवादित पोस्ट या बयान से संबंधित थी, जिसे तेजस्वी सूर्या ने दिया था। कर्नाटक सरकार ने इस पर कार्रवाई करते हुए उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस FIR को रद्द करते हुए कर्नाटक सरकार के इरादों पर सवाल उठाया है।

सुप्रीम कोर्ट का सख्त रवैया: सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले में कर्नाटक सरकार के रवैये को बेहद गंभीरता से लिया। कोर्ट ने पाया कि FIR दर्ज करने में उचित प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया था या यह 'दुर्भावनापूर्ण' उद्देश्यों से प्रेरित हो सकती है। ₹25 लाख का जुर्माना लगाना एक बहुत ही कड़ा संदेश है, जो दर्शाता है कि कोर्ट ने सरकार द्वारा सत्ता के दुरुपयोग या किसी राजनीतिक प्रतिशोध की कोशिश को अस्वीकार किया है।

यह जुर्माना उन मामलों में लगाया जाता है जहाँ कोर्ट को लगता है कि कानूनी प्रक्रिया का गलत इस्तेमाल किया गया है या किसी को परेशान करने की कोशिश की गई है। यह दिखाता है कि न्यायपालिका, नागरिकों के अधिकारों की रक्षा और सरकार के मनमाने फैसलों पर लगाम लगाने के लिए कितनी गंभीर है।

तेजस्वी सूर्या के लिए राहत:इस फैसले से तेजस्वी सूर्या, जो एक युवा और मुखर सांसद हैं, को बड़ी राहत मिली है। अब वे बिना किसी कानूनी अड़चन के अपने राजनीतिक और सार्वजनिक जीवन पर ध्यान केंद्रित कर पाएंगे। यह फैसला उनके समर्थकों के लिए भी एक जीत है।

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