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Up Kiran, Digital Desk: तेलंगाना के दिव्यांग छात्रों (differently-abled students) के लिए एक बहुत बड़ी और अच्छी खबर आ रही है। राज्य के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने अधिकारियों को एक "विशेष शिक्षा निगम" (Special Education Corporation) बनाने की संभावनाओं का पता लगाने का निर्देश दिया है। इस निगम का मुख्य उद्देश्य राज्य भर में दिव्यांग छात्रों को बेहतर और सुलभ शिक्षा प्रदान करना होगा।

क्यों पड़ी इस निगम की ज़रूरत?

मुख्यमंत्री ने यह निर्देश दिव्यांग छात्रों के कल्याण को लेकर हुई एक समीक्षा बैठक के दौरान दिया। बैठक में यह बात सामने आई कि राज्य में लगभग 5 लाख दिव्यांग छात्र हैं, लेकिन उन्हें अच्छी शिक्षा देने के लिए पर्याप्त संख्या में स्पेशल स्कूल और शिक्षक नहीं हैं। इस कमी को दूर करने के लिए और हर दिव्यांग छात्र तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुँचाने के लिए एक समर्पित निगम बनाने का विचार सामने आया है।

क्या करेगा यह स्पेशल एजुकेशन कॉर्पोरेशन?

विशेष स्कूल और शिक्षक: इस निगम के तहत नए स्पेशल स्कूल खोले जाएंगे और विशेष रूप से प्रशिक्षित शिक्षकों की भर्ती की जाएगी ताकि दिव्यांग बच्चों की ज़रूरतों को बेहतर ढंग से समझा और पूरा किया जा सके।

घर पर शिक्षा: जो छात्र गंभीर रूप से अक्षम हैं और स्कूल नहीं आ सकते, उनके लिए फिजियोथेरेपिस्टों द्वारा घर पर ही शिक्षा और देखभाल की व्यवस्था की जाएगी।

मुफ्त बस पास और उपकरण: मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया है कि नेत्रहीन छात्रों (visually impaired students) को राज्य भर में कहीं भी यात्रा करने के लिए मुफ्त बस पास दिए जाएं। इसके अलावा, छात्रों को व्हीलचेयर और बैटरी से चलने वाली साइकिलें जैसे ज़रूरी उपकरण भी बांटे जाएंगे।

नौकरियों में आरक्षण: बैठक में दिव्यांगों के लिए सरकारी नौकरियों में 4% आरक्षण को सख्ती से लागू करने पर भी ज़ोर दिया गया।

यह कदम तेलंगाना सरकार की उस सोच को दिखाता है जहाँ वह समाज के हर वर्ग को साथ लेकर चलना चाहती है। अगर यह स्पेशल एजुकेशन कॉर्पोरेशन बनता है, तो यह दिव्यांग छात्रों के जीवन में एक क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में मील का पत्थर साबित होगा।