Up Kiran, Digital Desk: उत्तराखंड के चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड एक बार फिर समाचारों में है। लगभग तीन साल पहले ऋषिकेश के पास वंतारा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी की हत्या के बाद बड़ा हंगामा हुआ था। हाल ही में उर्मिला सनावर का एक वीडियो सामने आया, जिसने इस मामले को पुनः चर्चा का विषय बना दिया। वीडियो में कथित तौर पर एक 'विशिष्ट व्यक्ति' का उल्लेख और भारतीय जनता पार्टी के कई नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
वीडियो आने के बाद अंकिता की मां सोनी देवी सामने आईं और उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यदि किसी के पास इस हत्याकांड से संबंधित ठोस प्रमाण हैं, तो उन्हें तुरंत अदालत में पेश किया जाना चाहिए। सोनी देवी ने कहा कि वह किसी राजनीतिक दल के पक्ष या विपक्ष में नहीं हैं, उन्हें सिर्फ अपनी बेटी के लिए न्याय चाहिए। उनका कहना था कि सच्चाई चाहे जैसी भी हो, वह सामने आनी चाहिए ताकि अपराधियों को कानून के अनुसार सजा मिल सके।
मां का दर्द और न्याय की मांग
अंकिता की मां ने एक बार फिर उस दर्दनाक सच को साझा किया, जिसने उनकी जिंदगी को हमेशा के लिए बदल दिया। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी पर एक शक्तिशाली व्यक्ति द्वारा गलत काम करने का दबाव डाला गया था। जब अंकिता ने किसी भी अनुचित कार्य से मना कर दिया, तो उसे इसकी कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। सोनी देवी का कहना है कि यह सिर्फ एक हत्या का मामला नहीं है, बल्कि बेटियों की सुरक्षा और सम्मान का मुद्दा है।
भावुक होकर उन्होंने कहा कि अगर आज भी सच्चाई को छिपाने की कोशिश की गई, तो यह आने वाली पीढ़ियों के साथ अन्याय होगा। उन्होंने न्याय प्रणाली पर विश्वास व्यक्त किया और उम्मीद जताई कि अदालत पूरी तरह से निष्पक्ष जांच करेगी और जो भी अपराधी होगा, चाहे वह कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो, उसे सजा दी जाएगी।
उर्मिला सनावर का वीडियो और राजनीतिक हलचल
उर्मिला सनावर के वीडियो के सामने आने के बाद उत्तराखंड की राजनीति में उबाल आ गया है। वीडियो में कथित तौर पर कुछ 'विशिष्ट' नामों का उल्लेख किया गया है, जिससे विपक्ष सरकार पर हमला बोल रहा है। कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि इस मामले में प्रभावशाली लोगों को बचाने की कोशिश की जा रही थी और अब जब कुछ बातें सामने आ रही हैं, तो उन्हें दबाने का प्रयास किया जा रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने उठाए सवाल
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने फेसबुक लाइव के माध्यम से इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया। उन्होंने कहा कि अंकिता भंडारी मामला उत्तराखंड की छवि के लिए बहुत बड़ा धक्का है। उनका कहना था कि अगर राज्य की अस्मिता और बेटियों की सुरक्षा को बचाना है, तो सच के साथ खड़ा होना होगा। हरीश रावत ने धामी सरकार से अनुरोध किया कि एक कैबिनेट बैठक बुलाकर इस मामले की फिर से जांच (री-इन्वेस्टिगेशन) की जाए और इसकी जांच सीबीआई को सौंप दी जाए।
कांग्रेस का सवाल: सबूत कहां हैं?
कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा सरकार बार-बार उनसे प्रमाण मांग रही है, जबकि वास्तविकता यह है कि जिनके पास सत्ता है, वही सबूतों को मिटाने का काम कर रहे हैं। हरीश रावत ने कहा कि जब पुलिस और प्रशासन पर सवाल उठाए जाते हैं, तो सरकार विपक्ष को दोषी ठहरा देती है। उन्होंने आरोप लगाया कि कई पुलिस अधिकारियों को वसूली जैसे कामों में शामिल किया गया है, जिससे निष्पक्ष जांच पर संदेह उत्पन्न होता है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यदि सरकार सच में निष्पक्ष जांच चाहती है, तो यह मामला एक स्वतंत्र एजेंसी को सौंप देना चाहिए, ताकि सच सामने आ सके।
भा.ज.पा का जवाब: कांग्रेस पर आरोप
वहीं, भाजपा ने इस पूरे मामले पर कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने आरोप लगाया कि कांग्रेस इस संवेदनशील मामले को केवल राजनीतिक लाभ के लिए हवा दे रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक ऐसी महिला को मोहरा बना रही है, जिसका भाजपा और कांग्रेस से कोई संबंध नहीं है। महेंद्र भट्ट ने यह भी कहा कि अदालत में कांग्रेस किसी ठोस प्रमाण को प्रस्तुत करने में विफल रही है और अब सोशल मीडिया और वीडियो के माध्यम से भ्रम फैलाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने अंकिता की मृत्यु के बाद उसकी आत्मा को ठेस पहुंचाई है।
अनुसूचित जाति और मातृशक्ति का मुद्दा
भा.ज.पा प्रदेश अध्यक्ष ने कांग्रेस पर अनुसूचित जाति का अपमान करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इस तरह के बयान और गतिविधियां पूरे अनुसूचित समाज की भावनाओं को आहत करती हैं। भट्ट ने चेतावनी दी कि अगर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगते, तो भाजपा का अनुसूचित जाति मोर्चा उत्तराखंड में विरोध प्रदर्शन करेगा। उनका कहना था कि कांग्रेस ने लगातार अनुसूचित समाज और मातृशक्ति का अपमान किया है, और इसे किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा।
18 सितंबर 2022 को गायब हुई अंकिता
ऋषिकेश के पास वंतारा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के रूप में कार्यरत 19 वर्षीय अंकिता 18 सितंबर 2022 को अचानक गायब हो गई थी। पांच दिन बाद 24 सितंबर को ऋषिकेश के पास चिल्ला नहर से अंकिता का शव बरामद हुआ था। इस मामले के सामने आने के बाद रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने ही उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
रिजॉर्ट मालिक और उसके साथी जिम्मेदार
जब मामले की जांच शुरू हुई तो पता चला कि अंकिता को गायब करने, उसकी हत्या करने और शव को नहर में फेंकने में रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य और उसके दो साथी शामिल थे। शुरुआती जांच से यह स्पष्ट हुआ कि यह मामला महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान से जुड़ा हुआ है। जानकारी के अनुसार रिजॉर्ट में काम करते हुए अंकिता को एक 'विशिष्ट' अतिथि के लिए अतिरिक्त सेवाएं देने का दबाव डाला गया था, जिसे रिजॉर्ट के मालिक पुलकित ने किया था। जब अंकिता ने मना किया, तो विवाद उत्पन्न हुआ था।
तीन आरोपी जेल में
इसी विवाद के चलते रिजॉर्ट संचालक पुलकित आर्य ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर कथित तौर पर अंकिता को चिल्ला नहर में धक्का देकर उसकी हत्या कर दी थी। इस मामले में पुलकित और उसके दो साथी - अंकित गुप्ता और सौरभ भास्कर इस समय जेल में बंद हैं।
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