
Up Kiran, Digital Desk: तेलंगाना राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) डॉ. जितेंद्र ने वर्ष के पहले छह महीनों में कानून और व्यवस्था बनाए रखने में सभी अधिकारियों के अथक प्रयासों की सराहना की है. [DGP Jitender, Law and Order] बुधवार को डीजीपी कार्यालय में आयोजित पहली छमाही अपराध समीक्षा बैठक के दौरान, डीजीपी ने पुलिसिंग को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए. [Crime Review Meeting] यह बैठक तेलंगाना पुलिस के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी, जिसका उद्देश्य राज्य में अपराध दर को कम करना और जन सुरक्षा को सुनिश्चित करना है.
DGP का कड़ा निर्देश: आर्थिक अपराधों और संगठित गिरोहों पर 'सर्जिकल स्ट्राइक'
बैठक में, डीजीपी ने सभी इकाई अधिकारियों को आर्थिक अपराधों और संगठित अपराधों पर विशेष ध्यान देने के लिए सक्रिय कदम उठाने का निर्देश दिया. [Economic Offences, Organized Crime] उन्होंने स्पष्ट किया कि पुलिस की दृश्यता (Visible Policing) बढ़ाई जाए ताकि जनता में सुरक्षा की भावना मजबूत हो. डीजीपी ने जोर दिया कि सार्वजनिक सुरक्षा पुलिस का प्राथमिक दायित्व है. विशेष रूप से, महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा पर अत्यधिक बल दिया गया. [Women and Children Safety] शी टीम्स (She Teams), एएचटीयू (AHTUs) और भरोसा केंद्रों (Bharosa Centres) के प्रदर्शन की गहन समीक्षा की गई और उन्हें और अधिक सशक्त बनाने के निर्देश दिए गए, ताकि महिला सशक्तिकरण और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित हो सके.
ड्रोन से निगरानी और साइबर अपराध पर नकेल: तकनीक से लैस तेलंगाना पुलिस!
गौरतलब है कि हाल ही में एसपी द्वारा ड्रोन-आधारित निगरानी प्रणाली (Drone-based Surveillance System) का शुभारंभ किया गया, जो राज्य में अपराध नियंत्रण के लिए तकनीकी प्रगति का एक प्रमाण है. [Drone Surveillance] यह दर्शाता है कि तेलंगाना पुलिस आधुनिक तकनीकों को अपनाकर अपराधियों से एक कदम आगे रहने के लिए प्रतिबद्ध है.
यह महत्वपूर्ण बैठक सीआईडी (CID) के तत्वावधान में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADG) चारु सिन्हा के नेतृत्व में आयोजित की गई थी. इसमें एडीजी एलओ महेश भागवत, एडीजी अनिल कुमार, आईजी पी एंड एल एम. रमेश, राज्य भर के एसपी, एमजेड आईजी चंद्रशेखर रेड्डी, रेंज डीआईजी तफसीर इकबाल, साथ ही साइबराबाद (Cyberabad) के सीपी अविनाश मोहंती और रचाकोंडा (Rachakonda) के सीपी जी. सुधीर बाबू भी शामिल हुए. दिन की अंतिम प्रस्तुति टीजीसीएसबी (TGCSB) की निदेशक शिखा गोयल द्वारा दी गई. समीक्षा के दौरान, डीजीपी ने अपराध के रुझानों, कानून और व्यवस्था की स्थितियों, प्रमुख मामलों की जांच में हुई प्रगति और शारीरिक अपराधों, संपत्ति अपराधों, तथा महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों से संबंधित प्रवर्तन कार्रवाइयों का गहनता से परीक्षण किया, जिसे एडीजी सीआईडी द्वारा प्रस्तुत किया गया था.
सजा दर में बढ़ोतरी और त्वरित चार्जशीट: अपराधियों की अब खैर नहीं!
बैठक के मुख्य फोकस क्षेत्रों में सभी जिलों में अपराधों का प्रदर्शन, अपराध दर विश्लेषण, दोषसिद्धि दर (Conviction Rates) को बढ़ाना, चार्जशीट (Charge Sheets) समय पर दाखिल करना और अंतर-विभागीय समन्वय (Inter-departmental Coordination) को मजबूत करना शामिल था. डीजीपी ने स्पष्ट किया कि अपराधियों को कानून के कटघरे में लाने के लिए त्वरित और प्रभावी कार्रवाई आवश्यक है.
डेटा-आधारित पुलिसिंग: विश्वास और पारदर्शिता का नया अध्याय!
डीजीपी ने अपराध मानचित्रण (Crime Mapping) और प्रभावी अपराध नियंत्रण (Effective Crime Control) के लिए डेटा-आधारित पुलिसिंग (Data-driven Policing) के उपयोग पर विशेष जोर दिया. उन्होंने सभी फील्ड अधिकारियों से पुलिस स्टेशन स्तर पर जवाबदेही (Accountability), पारदर्शिता (Transparency) और सेवा वितरण (Service Delivery) में सुधार करने का आह्वान किया, ताकि पुलिस और जनता के बीच अधिक विश्वास पैदा हो सके. [Data-driven Policing Benefits, Police Public Trust] यह पहल न केवल अपराधों पर नियंत्रण पाने में मदद करेगी, बल्कि जनता के बीच पुलिस की छवि को भी बेहतर बनाएगी, जिससे एक सुरक्षित और विश्वसनीय वातावरण का निर्माण होगा.
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