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22 अप्रैल, 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए संदिग्ध आतंकी हमले की जांच में सामने आया है कि आतंकियों को स्थानीय लोगों का भी साथ मिला था। सुरक्षा एजेंसियों — NIA, IB, R&AW, और पुलिस — की संयुक्त जांच में 15 स्थानीय कश्मीरी “ओवरग्राउंड वर्कर्स” (OGW) की पहचान हुई है, जिन्होंने हमलावरों को राशन, घरेलू सहायता और हथियार पहुँचाने में मदद की  ।

उनके पश्चिमी कश्मीर और दक्षिण कश्मीर के घने जंगलों में लंबा छिपना आसान हुआ, क्योंकि उन्हें खाने-पीने की वस्तु और रास्ता भी इन्हीं स्थानीयों से मिला  । प्रारंभिक जांच में आधे दर्जन प्रमुख संदिग्धों की पहचान हुई, जिनमें से तीन गिरफ्तार भी किए गए हैं जबकि बाकी की तलाश जारी है  ।

विशेष रूप से “आसिफ अहमद शेख” (त्राल) और “आदिल अख्तर” (बिजबेहरा) नामक दो स्थानीय आतंकवादियों को जिम्मेदार बताया गया है, जो पाकिस्तान से आयातित हथियारों को स्थानीय सहयोगियों के जरिए आतंकी समूहों तक पहुंचाने में शामिल थे  । इनके घरों को सेना और पुलिस ने ध्वस्त कर दिया है  ।

स्थानीय नियंत्रण वाले इन जंगलों — जैसे त्राल और बैसरन घाटी — में आतंकी लंबे समय तक छिप सकते हैं, क्योंकि रास्ता और सहारा मिलता रहता है  । सेना, CRPF, जम्मू-कश्मीर पुलिस और अर्धसैन्य बलों ने पूरे इलाके की घनी तलाशी ली और सैकड़ों ओजीडब्ल्यू से पूछताछ की  ।

हमले के दिन आतंकियों ने बैसरन के भरे पर्यटन स्थल पर हमला किया, जिसमें 26 पर्यटकों की मौत और 17 से अधिक लोग घायल हुए  । इस वारदात के बाद स्थानीय ट्रैकर्स, गाइड, चालक और खच्चर वाले भयंकर माहौल में लोगों की जान बचाने सामने आए  ।

अब सुरक्षा एजेंसियाँ पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश करने और स्थानीय एवं बाहरी आतंकी सहयोगियों को पकड़ने में लगी हैं। जांच जारी है।

 

 

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