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Up Kiran, Digital Desk: आज के दौर में जहां हर क्षेत्र में बदलाव आ रहा है, वहीं आभूषण उद्योग में भी एक नई क्रांति देखने को मिल रही है। अक्षिता सिंह और उत्कर्ष सिंह नाम के भाई-बहन की एक दूरदर्शी जोड़ी ने अपनी ब्रांड 'डायमंडिना' (Diamantina) के साथ मिलकर पारंपरिक ज्वेलरी की परिभाषा को ही बदल दिया है। उनका लक्ष्य है स्थिरता (सस्टेनेबिलिटी) और विलासिता (लक्ज़री) का एक अनूठा संगम प्रस्तुत करना।

'डायमंडिना' सिर्फ सुंदर आभूषण बनाने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह एक गहरी सोच का परिणाम है। अक्षिता और उत्कर्ष का मानना है कि सुंदरता के साथ-साथ नैतिकता और जिम्मेदारी भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। यही कारण है कि उनके सभी आभूषण लैब-ग्रोन हीरों से बनते हैं। ये हीरे खदान से निकले हीरों जैसे ही दिखते हैं, लेकिन ये पर्यावरण के अनुकूल होते हैं और इनके उत्पादन में किसी भी तरह के संघर्ष या अनैतिक प्रथाओं का उपयोग नहीं होता।

लैब-ग्रोन हीरों का उपयोग करके, 'डायमंडिना' ने न केवल पर्यावरणीय प्रभाव को कम किया है, बल्कि उन उपभोक्ताओं को भी आकर्षित किया है जो खरीदारी करते समय अपने मूल्यों को प्राथमिकता देते हैं। यह आज की जागरूक पीढ़ी, विशेष रूप से मिलेनियल्स और जेन ज़ी के लिए एक आदर्श विकल्प है, जो पर्यावरण और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझते हुए भी लक्ज़री का अनुभव करना चाहते हैं। ये हीरे न केवल दिखने में प्राकृतिक हीरों के समान होते हैं, बल्कि नैतिक रूप से भी श्रेष्ठ होते हैं।

अक्षिता अपनी डिज़ाइन विशेषज्ञता के साथ आभूषणों में नवीनता लाती हैं, वहीं उत्कर्ष अपने व्यापारिक अनुभव से ब्रांड को आगे बढ़ाते हैं। 'डायमंडिना' का सीधा-ग्राहक (Direct-to-Consumer) मॉडल उन्हें ग्राहकों के साथ सीधा संबंध बनाने और उनकी विशिष्ट जरूरतों के अनुसार कस्टम-मेड (बेस्पोक) पीस बनाने की सुविधा देता है। यह अभिनव दृष्टिकोण न केवल लागत कम करता है बल्कि ग्राहकों को पारदर्शिता भी प्रदान करता है।

डायमंडिना' सिर्फ एक ज्वेलरी ब्रांड नहीं है, बल्कि यह आभूषण उद्योग के भविष्य की ओर एक कदम है – जहां सुंदरता, नैतिकता और स्थिरता साथ-साथ चलती है। अक्षिता और उत्कर्ष सिंह ने यह साबित कर दिया है कि लक्ज़री और जिम्मेदारी का मेल संभव है, और यह उपभोक्ताओं के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।

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