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Up Kiran, Digital Desk: मशहूर पहलवान दलीप राणा, जिन्हें द ग्रेट खली के नाम से जाना जाता है और स्थानीय राजस्व विभाग के बीच सिरमौर जिले के पांवटा साहिब में चल रहा भूमि विवाद मंगलवार को एक निर्णायक मोड़ पर आ गया। हाल ही में खली द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों के जवाब में, तहसीलदार ऋषभ शर्मा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर पूरे मामले की तहकीकात जनता के सामने रख दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि पहलवान द्वारा लगाए गए आरोप तथ्यों से परे और निराधार हैं।

ज़मीन खरीदी 8 की, कब्ज़ा 6 पर

राजस्व अधिकारी ने दस्तावेजों के हवाले से बड़ा दावा किया। उन्होंने बताया कि सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार, दलीप राणा ने बटामंडी क्षेत्र में खसरा नंबर 8 की ज़मीन का क्रय किया था, जबकि उन्होंने वास्तव में खसरा नंबर 6 पर अपना अधिकार जमा रखा है। तहसीलदार ने यह भी बताया कि विभाग ने सीमांकन (डिमार्केशन) की प्रक्रिया के लिए खली को कई बार बुलाया, ताकि समस्या का समाधान हो सके, मगर वह एक भी बार उपस्थित नहीं हुए। उनकी गैर-हाजिरी के कारण विवाद जस का तस बना रहा।

पचास दिन में दस्तावेज़ क्यों नहीं?

ऋषभ शर्मा ने जोर देकर कहा कि पिछले 50 दिनों में, न तो खली और न ही उनके प्रतिनिधियों ने राजस्व कार्यालय को ज़मीन के स्वामित्व से जुड़ा कोई भी वैध प्रमाण पत्र सौंपा है। अधिकारी का कहना था कि संपत्ति पर दावा करने के लिए सबूत देना अनिवार्य है, केवल आरोप लगाने भर से कोई मामला सिद्ध नहीं हो जाता। उन्होंने बिना किसी लाग-लपेट के यह भी कहा कि मशहूर हस्ती होने का मतलब यह नहीं है कि कोई व्यक्ति देश के कानून से ऊपर हो जाता है। उन्होंने ज़िक्र किया कि विभाग ने उन्हें पर्याप्त मौके दिए, लेकिन उनकी ओर से कोई कागजात पेश नहीं किए गए।

सभी नागरिकों के लिए कानून एक

प्रेस वार्ता के दौरान तहसीलदार ने अपनी निष्ठा दोहराई। उन्होंने कहा कि वह पूरी ईमानदारी और निष्पक्षता से अपना काम कर रहे हैं और किसी भी तरह के दबाव के सामने नहीं झुकेंगे। उनका स्पष्ट संदेश था: कानून की नज़र में हर कोई बराबर है। चाहे कोई सामान्य नागरिक हो या द ग्रेट खली जैसा विश्व स्तर का नामी व्यक्ति हो, नियम सभी पर एक समान लागू होंगे।