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तिरुपति: विश्व पोलियो दिवस के अवसर पर आंध्र प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने एक बार फिर पोलियो को जड़ से खत्म करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। अधिकारियों ने जनता से इस अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की अपील करते हुए कहा है कि भले ही भारत पोलियो मुक्त हो चुका है, लेकिन खतरा अभी पूरी तरह से टला नहीं है।

तिरुपति में जिला कलेक्टर, श्री जी किशन कुमार, और जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (DMHO), डॉ. यू श्रीहरी, ने एक जागरूकता कार्यक्रम में हिस्सा लिया। कलेक्टर ने इस बात पर जोर दिया कि पोलियो एक बेहद खतरनाक बीमारी है और इसे खत्म करना केवल सरकार की नहीं, बल्कि हर एक नागरिक की जिम्मेदारी है।

"जब तक दुनिया से पोलियो खत्म नहीं हो जाता..."

कलेक्टर किशन कुमार ने कहा, "भले ही हमारा देश पोलियो मुक्त हो गया है, लेकिन हमें यह याद रखना होगा कि दुनिया के कुछ हिस्सों में यह वायरस अभी भी मौजूद है। जब तक पूरी दुनिया पोलियो मुक्त नहीं हो जाती, तब तक हमें सतर्क रहना होगा और अपने बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाना जारी रखना होगा।"

माता-पिता की है सबसे बड़ी जिम्मेदारी

DMHO डॉ. श्रीहरी ने माता-पिता से खास अपील की। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करना हर माता-पिता का कर्तव्य है कि उनके 5 साल से कम उम्र के हर बच्चे को पोलियो की 'दो बूंद जिंदगी की' जरूर मिले। उन्होंने कहा कि कोई भी बच्चा इस सुरक्षा कवच से छूटना नहीं चाहिए, क्योंकि एक भी चूक हमारे सालों की मेहनत पर पानी फेर सकती है।

इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य लोगों को यह याद दिलाना था कि पोलियो के खिलाफ लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। यह एक सामूहिक प्रयास है जिसमें हर व्यक्ति की भागीदारी अमूल्य है।