
Up Kiran, Digital Desk: आज का दौर डिजिटल क्रांति का युग है, जहाँ सूचनाओं का अंबार लगा हुआ है और हर दिन नई तकनीकें जन्म ले रही हैं। ऐसे में, हमारी शिक्षा प्रणाली को इस तेज़ी से बदलते परिदृश्य के अनुरूप ढालना बेहद ज़रूरी है। पारंपरिक 'रटने' वाली शिक्षा प्रणाली अब पर्याप्त नहीं है; हमें ऐसे नागरिकों की आवश्यकता है जो आलोचनात्मक सोच (Critical Thinking) विकसित कर सकें – यानी जानकारी का विश्लेषण करने, सवाल पूछने, समस्याएँ सुलझाने और स्वतंत्र रूप से निर्णय लेने की क्षमता।
सूचना का अतिभार (Information Overload): इंटरनेट पर सही और गलत जानकारी का भेद करना मुश्किल हो गया है। आलोचनात्मक सोच छात्रों को जानकारी का मूल्यांकन करने और तथ्यों को मिथकों से अलग करने में मदद करती है।
समस्या-समाधान कौशल (Problem-Solving Skills): आज की दुनिया जटिल समस्याओं से भरी है। आलोचनात्मक सोच छात्रों को इन समस्याओं को कई कोणों से देखने और रचनात्मक समाधान खोजने में सक्षम बनाती है।
डिजिटल साक्षरता (Digital Literacy): केवल उपकरणों का उपयोग करना ही पर्याप्त नहीं है। छात्रों को ऑनलाइन सुरक्षा, डिजिटल एथिक्स और विभिन्न डिजिटल प्लेटफार्मों के प्रभावों को समझना सिखाना होगा।
नवोन्मेष और रचनात्मकता (Innovation and Creativity): आलोचनात्मक सोच नई चीजों को सोचने और यथास्थिति पर सवाल उठाने की क्षमता को बढ़ावा देती है, जो नवोन्मेष के लिए महत्वपूर्ण है।
गलत सूचना से बचाव (Combating Misinformation): डीपफेक, फेक न्यूज़ और प्रोपेगेंडा के युग में, आलोचनात्मक सोच छात्रों को इन खतरों से बचाने के लिए एक आवश्यक कवच है।
पाठ्यक्रम में कैसे शामिल करें?
प्रश्न-आधारित सीखना (Inquiry-Based Learning): छात्रों को केवल उत्तर देने के बजाय, प्रश्न पूछने और अपनी जिज्ञासा का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करें।
समस्या-आधारित परियोजनाएं (Problem-Based Projects): वास्तविक दुनिया की समस्याओं को सुलझाने वाली परियोजनाओं में छात्रों को शामिल करें, जहाँ उन्हें जानकारी इकट्ठा करनी, विश्लेषण करना और समाधान प्रस्तुत करना हो।
बहस और चर्चा (Debate and Discussion): कक्षा में स्वस्थ बहस और चर्चा को बढ़ावा दें, जहाँ छात्र अलग-अलग दृष्टिकोणों को सुन सकें और अपने तर्कों को मजबूत कर सकें।
मीडिया साक्षरता (Media Literacy): छात्रों को विभिन्न मीडिया स्रोतों का मूल्यांकन करना, पूर्वाग्रहों को पहचानना और जानकारी की विश्वसनीयता का आकलन करना सिखाएं।
शिक्षकों का प्रशिक्षण: शिक्षकों को आलोचनात्मक सोच कौशल सिखाने और एक ऐसा कक्षा वातावरण बनाने के लिए प्रशिक्षित किया जाना चाहिए जो खुली सोच को बढ़ावा दे।
डिजिटल युग के लिए हमारे स्कूल पाठ्यक्रम को केवल तथ्यों को याद करने से हटकर ऐसे कौशल विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए जो छात्रों को आज की दुनिया में सफल होने और सूचित नागरिक बनने में मदद करें। आलोचनात्मक सोच एक ऐसा महत्वपूर्ण कौशल है जो उन्हें जटिलता और अनिश्चितता से भरी दुनिया में आगे बढ़ने के लिए तैयार करेगा।
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