
महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा घटनाक्रम तब देखने को मिला जब मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने 13 साल बाद ठाकरे परिवार के निवास 'मातोश्री' में कदम रखा। यह मुलाकात शिवसेना (उद्धव गुट) प्रमुख उद्धव ठाकरे से हुई, जिसने राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म कर दिया है।
दोनों नेताओं के बीच यह मुलाकात लगभग एक घंटे तक चली, जिसमें कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। सूत्रों के अनुसार, आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों को लेकर यह भेंट काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। यह मुलाकात इसलिए भी खास है क्योंकि पिछले कई वर्षों से दोनों नेताओं के रिश्ते बेहद ठंडे पड़ चुके थे।
राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के बीच राजनीतिक मतभेद वर्ष 2006 में तब शुरू हुए थे जब राज ने शिवसेना छोड़कर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) का गठन किया था। इसके बाद से दोनों ही नेताओं ने एक-दूसरे पर कई बार तीखे हमले किए, लेकिन अब यह मुलाकात संभावित राजनीतिक समीकरणों में बदलाव का संकेत दे रही है।
मुलाकात के बाद मीडिया से दूरी बनाए रखते हुए दोनों नेताओं ने कोई औपचारिक बयान नहीं दिया, लेकिन मनसे और शिवसेना के कुछ नेताओं ने संकेत दिए हैं कि भविष्य में एक नया गठबंधन संभव हो सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह मुलाकात सिर्फ शिष्टाचार थी या फिर इसके पीछे कोई गहरी रणनीति छुपी है।
राजनीतिक विश्लेषक इसे शिवसेना (उद्धव गुट) की रणनीति का हिस्सा मान रहे हैं, जिससे विपक्षी दलों को चुनौती दी जा सके।
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