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Up kiran,Digital Desk : हमारे पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान से सिर्फ गोलियां और आतंकवाद ही नहीं, अब एक ऐसा ज़हर भी भेजा जा रहा है जो हमारी रगों में उतरकर पूरी पीढ़ी को तबाह कर सकता है। एक नई रिपोर्ट ने जो खुलासा किया है, वो किसी भी भारतीय की नींद उड़ाने के लिए काफी है।

रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले एक साल के अंदर पाकिस्तान से 1382 किलो हेरोइन (चिट्टा) की एक बहुत बड़ी खेप भारत भेजी गई है। सोचिए, यह मात्रा कितनी बड़ी होगी। इस खतरनाक साज़िश का सबसे बड़ा निशाना बना है पंजाब, जहाँ अकेले 1150 किलो से ज़्यादा हेरोइन पकड़ी गई है। लेकिन यह आग सिर्फ पंजाब तक ही सीमित नहीं है, जम्मू-कश्मीर और राजस्थान की सीमाएं भी इस ज़हर की चपेट में हैं।

कैसे काम कर रहा है ये 'ड्रग्स वाला नेटवर्क'?

नशा तस्करों ने अब अपना तरीका बदल लिया है। वे अब रात के अँधेरे में ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे हैं। बिना किसी आहट के, ये ड्रोन सीमा पार से हेरोइन और हथियारों के पैकेट गिराकर गायब हो जाते हैं। पंजाब के अमृतसर, तरनतारन और फिरोजपुर जैसे सीमावर्ती जिले इससे सबसे ज़्यादा प्रभावित हैं। ड्रोन के अलावा ईरान के चाबहार और पाकिस्तान के ग्वादर और कराची बंदरगाहों से भी समुद्री रास्तों से ड्रग्स भारत भेजी जा रही है।

खतरा सिर्फ नशे का नहीं...

यह मामला सिर्फ ड्रग्स तक ही सीमित नहीं है, यह देश की सुरक्षा पर भी एक सीधा हमला है। हेरोइन के साथ-साथ इन पैकेटों में AK-47, RDX जैसे विस्फोटक और जाली नोट भी बरामद हुए हैं। यह दिखाता है कि पाकिस्तान एक तीर से दो शिकार करना चाहता है—एक तरफ वह भारत की जवानी को नशे में डुबोना चाहता है और दूसरी तरफ आतंकवाद फैलाना।

सरकार और आम लोग कैसे लड़ रहे हैं यह जंग?

इस ज़हर के खिलाफ लड़ाई में अब आम लोग भी शामिल हो रहे हैं। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने एक हेल्पलाइन नंबर 1933 जारी किया है, जिस पर कोई भी नशे की तस्करी की जानकारी दे सकता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस नंबर पर सबसे ज़्यादा फोन पंजाब से ही आए हैं, जो दिखाता है कि लोग अब इस खतरे को लेकर जागरूक हो रहे हैं।

वहीं, सरकार ने भी तस्करों की इस नई चाल का जवाब देने के लिए कमर कस ली है। बॉर्डर पर अत्याधुनिक एंटी-ड्रोन सिस्टम लगाए गए हैं। ये सिस्टम न सिर्फ ड्रोन को पकड़ सकते हैं, बल्कि यह भी बता सकते हैं कि उसे सीमा पार कहाँ से उड़ाया जा रहा है, जिससे दुश्मनों को पकड़ना आसान हो जाएगा।

यह लड़ाई सिर्फ सरकार या फौज की नहीं है, यह पूरे देश की लड़ाई है—नशे के उस ज़हर के खिलाफ जो हमारे दरवाज़े पर दस्तक दे रहा है।