
Up Kiran, Digital Desk: भारत की स्वतंत्रता के बाद से, सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन, भत्ते और पेंशन ढांचे की समीक्षा और संशोधन के लिए समय-समय पर पे कमीशन (Pay Commission) का गठन किया जाता रहा है। अब तक कुल सात पे कमीशन गठित किए जा चुके हैं, जिन्होंने सरकारी कर्मचारियों के न्यूनतम और अधिकतम वेतन में उल्लेखनीय वृद्धि की है। इसका उद्देश्य बदलती आर्थिक परिस्थितियों, महंगाई और जीवन यापन की लागत के अनुसार कर्मचारियों के पारिश्रमिक को उचित बनाए रखना है।
पे कमीशन का उद्देश्य और प्रभाव:
पे कमीशन का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सरकारी कर्मचारियों को उचित और प्रतिस्पर्धी वेतन मिले, जो मौजूदा आर्थिक माहौल के अनुरूप हो। ये आयोग देश की आर्थिक स्थिति, महंगाई दर और सरकार के वित्तीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए सिफारिशें करते हैं। साथ ही, ये वेतन असमानताओं को कम करने और कर्मचारियों की संतुष्टि बढ़ाने का भी प्रयास करते हैं।
सात पे कमीशनों का सफर और वेतन में वृद्धि:
प्रथम पे कमीशन (1946-1947): स्वतंत्रता के बाद पहली बार गठन हुआ, जिसका उद्देश्य कर्मचारियों के लिए 'जीवन यापन योग्य मजदूरी' (living wage) सुनिश्चित करना था।
न्यूनतम वेतन: ₹55 प्रति माह
अधिकतम वेतन: ₹2,000 प्रति माह
द्वितीय पे कमीशन (1957-1959): इसने न्यूनतम वेतन को ₹80 प्रति माह तक बढ़ाया और जीवन यापन की लागत में वृद्धि को ध्यान में रखा।
न्यूनतम वेतन: ₹80 प्रति माह
अधिकतम वेतन: ₹3,000 प्रति माह (अनुमानित)
तृतीय पे कमीशन (1970-1973): इस आयोग ने मुद्रास्फीति का मुकाबला करने और सार्वजनिक व निजी क्षेत्रों के बीच वेतन समानता पर जोर दिया।
न्यूनतम वेतन: ₹185 प्रति माह
अधिकतम वेतन: ₹3,500 प्रति माह (अनुमानित)
चतुर्थ पे कमीशन (1983-1986): इसका उद्देश्य वेतन असमानताओं को कम करना और प्रदर्शन-आधारित वेतन संरचना को बढ़ावा देना था।
न्यूनतम वेतन: ₹750 प्रति माह
पंचम पे कमीशन (1994-1997): इसने 'नई वेतन श्रृंखला' (new pay scale) की अवधारणा पेश की।
न्यूनतम वेतन: ₹2,550 प्रति माह
षष्ठम पे कमीशन (2006-2008): इसने सरकारी कर्मचारियों के वेतन में महत्वपूर्ण वृद्धि की और ग्रेड पे प्रणाली का परिचय दिया।
न्यूनतम वेतन: ₹7,000 प्रति माह
अधिकतम वेतन: ₹80,000 प्रति माह
सप्तम पे कमीशन (2014-2016): 2016 में लागू हुआ, जिसने वेतन, भत्ते और पेंशन में लगभग 14.27% से 23.55% की वृद्धि की सिफारिश की और 'पे मैट्रिक्स' प्रणाली लागू की।
न्यूनतम वेतन: ₹18,000 प्रति माह
अधिकतम वेतन: ₹2,50,000 प्रति माह (एपेक्स स्केल/कैबिनेट सचिव के लिए)
वेतन में समग्र वृद्धि: आजादी के बाद से, सरकारी कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन में ₹55 से ₹18,000 प्रति माह तक की भारी वृद्धि हुई है, जो लगभग 32,727% है। वहीं, वरिष्ठ अधिकारियों का अधिकतम वेतन ₹2,000 से बढ़कर ₹2,50,000 प्रति माह हो गया है, जो लगभग 12,500% की वृद्धि दर्शाता है।
आठवां पे कमीशन: जनवरी 2025 में आठवें पे कमीशन के गठन को मंजूरी दी गई है, जिसके 2026 से लागू होने की उम्मीद है। इसके तहत न्यूनतम वेतन ₹34,560 से ₹51,480 और अधिकतम वेतन ₹4.8 लाख प्रति माह तक पहुंचने का अनुमान है, जो लगभग 30-34% की वृद्धि का संकेत देता है।
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