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Up Kiran, Digital Desk: चेन्नई शहर में आवारा कुत्तों की बढ़ती आबादी को नियंत्रित करने और सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से, चेन्नई नगर निगम (Chennai Corporation) ने एक महत्वपूर्ण अभियान फिर से शुरू करने का फैसला किया है। खबरों के अनुसार, लगभग पाँच महीने के अंतराल के बाद, निगम आवारा कुत्तों के लिए टीकाकरण (Vaccination) और नसबंदी (Sterilisation) का विशेष अभियान चलाने के लिए तैयार है।

यह अभियान शहर में आवारा पशुओं के प्रबंधन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। टीकाकरण रेबीज जैसी खतरनाक बीमारियों को रोकने में मदद करता है, जबकि नसबंदी कार्यक्रम लंबी अवधि में कुत्तों की संख्या को स्थिर करने और अनियंत्रित प्रजनन को रोकने के लिए आवश्यक है।

पिछले पाँच महीनों से यह गतिविधि रुकी हुई थी, और इसे फिर से शुरू करने का निर्णय संभवतः शहर में आवारा कुत्तों से संबंधित कुछ घटनाओं या बढ़ती आबादी को देखते हुए लिया गया है। इस अभियान के माध्यम से निगम का लक्ष्य सड़कों को अधिक सुरक्षित बनाना और मानव-पशु संघर्ष (Human-Animal Conflict) को कम करना है।

निगम संभवतः मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयों (Mobile Veterinary Units) या निर्दिष्ट पशु आश्रयों (Animal Shelters) का उपयोग करेगा जहाँ प्रशिक्षित कर्मी कुत्तों को पकड़ेंगे, आवश्यक प्रक्रियाएं पूरी करेंगे और फिर उन्हें उनके मूल क्षेत्रों में वापस छोड़ देंगे।

इस अभियान का फिर से शुरू होना न केवल सार्वजनिक स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह पशु कल्याण (Animal Welfare) के दृष्टिकोण से भी एक सकारात्मक कदम है। उम्मीद है कि यह पहल चेन्नई में आवारा कुत्तों के प्रबंधन में सुधार लाएगी और नागरिकों के लिए बेहतर वातावरण बनाने में सहायक होगी।

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