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रुद्रप्रयाग (उत्तराखंड): हिमालय की गोद में स्थित भगवान शिव के चतुर्थ केदार श्री रुद्रनाथ मंदिर के कपाट विधिवत पूजा-अर्चना के साथ श्रद्धालुओं के दर्शन हेतु खोल दिए गए। कपाट खुलने के साथ ही मंदिर परिसर 'हर हर महादेव' के गगनभेदी जयकारों से गूंज उठा। भक्तों की उपस्थिति और भक्ति भावना से वातावरण पूरी तरह आध्यात्मिक हो गया।

यह पवित्र मंदिर 3,600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और भगवान शिव के 'एकनान' स्वरूप को समर्पित है। चारों ओर से बर्फीली पहाड़ियों और घने जंगलों से घिरे इस मंदिर तक पहुँचने के लिए भक्तों को कठिन और जोखिम भरा पैदल मार्ग तय करना पड़ता है। लेकिन श्रद्धा ऐसी कि हर साल हजारों श्रद्धालु इस कठिन यात्रा को भी श्रद्धापूर्वक पूरा करते हैं।

कपाट खुलने की प्रक्रिया परंपरागत रीति-रिवाजों के अनुसार सुबह ब्रह्ममुहूर्त में आरंभ हुई। पुजारियों ने वेद मंत्रों के साथ पूजा कर भगवान शिव की मूर्ति का अभिषेक किया और फिर भक्तों के लिए दर्शन आरंभ हुए। स्थानीय लोग और तीर्थयात्री इस शुभ अवसर पर विशेष रूप से उपस्थित रहे।

रुद्रनाथ मंदिर पंचकेदारों में से एक महत्वपूर्ण तीर्थ है, जहां भगवान शिव के मुख के दर्शन होते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस स्थान पर शिवजी ने पांडवों को दर्शन दिए थे। माना जाता है कि यहां की यात्रा करने से भक्तों को पापों से मुक्ति और आध्यात्मिक शांति प्राप्त होती है।

प्रशासन और स्थानीय समिति ने श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए आवश्यक प्रबंध किए हैं। चिकित्सा सुविधा, जलापूर्ति और साफ-सफाई का भी विशेष ध्यान रखा गया है।

कपाट खुलने के साथ ही रुद्रनाथ धाम में एक बार फिर श्रद्धा, आस्था और दिव्यता का संगम देखने को मिला।

 

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