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उत्तर प्रदेश के संभल जिले की ऐतिहासिक शाही जामा मस्जिद एक बार फिर चर्चा के केंद्र में आ गई है। अब मस्जिद के नाम को लेकर विवाद खड़ा हो गया है, क्योंकि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने मस्जिद परिसर के लिए एक नया साइनबोर्ड तैयार किया है, जिसमें इसे 'जुमा मस्जिद' कहा गया है। यह नाम ASI के रिकॉर्ड में दर्ज आधिकारिक नाम के अनुसार तय किया गया है। इस साइनबोर्ड को फिलहाल सत्यव्रत पुलिस चौकी में रखा गया है और जल्द ही मस्जिद परिसर के बाहर पुराने बोर्ड की जगह स्थापित किया जाएगा।

पुराने नाम की जगह नए नाम की तैयारी

अब तक मस्जिद परिसर के बाहर लगे बोर्ड पर 'शाही जामा मस्जिद' लिखा हुआ था। लेकिन अब जिस नए साइनबोर्ड की तस्वीर सामने आई है, उसमें 'एएसआई संरक्षित स्मारक जुमा मस्जिद' लिखा गया है। नए बोर्ड के साथ एक और बड़ा बदलाव देखने को मिला है – इसका रंग भी बदल दिया गया है। पहले जहां हरे रंग का बोर्ड लगाया गया था, वहीं अब नया बोर्ड नीले रंग का है।

एएसआई के दस्तावेजों में दर्ज नाम के आधार पर फैसला

एएसआई के वकील विष्णु शर्मा ने मीडिया को जानकारी दी है कि पुरातत्व विभाग के दस्तावेजों में इस मस्जिद का नाम 'जुमा मस्जिद' के रूप में ही दर्ज है। उन्होंने यह भी बताया कि कुछ समय पहले मस्जिद परिसर के बाहर एएसआई का एक बोर्ड लगाया गया था, जिसे कथित तौर पर कुछ लोगों ने हटा दिया था और उसकी जगह 'शाही जामा मस्जिद' लिखा हुआ नया बोर्ड लगा दिया गया था।

विष्णु शर्मा के मुताबिक, मस्जिद परिसर के भीतर पहले से ही ऐसा ही एक नीला बोर्ड मौजूद है, जिसमें 'जुमा मस्जिद' लिखा है। एएसआई की ओर से अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि नया बोर्ड कब स्थापित किया जाएगा, लेकिन तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।

विवाद की पृष्ठभूमि और बढ़ती संवेदनशीलता

यह मस्जिद पिछले कुछ समय से कानूनी और धार्मिक विवादों का केंद्र रही है। एक याचिका में यह दावा किया गया है कि यह मस्जिद एक प्राचीन हिंदू मंदिर के स्थान पर बनाई गई है। इसी विवाद के तहत पिछले साल 24 नवंबर को एएसआई की टीम जब सर्वेक्षण के लिए पहुंची थी, तो इलाके में हिंसा भड़क उठी थी। इस हिंसा में चार लोगों की जान गई थी और कई लोग घायल हुए थे।

उस घटना के बाद से मस्जिद और इसके आसपास की गतिविधियों पर विशेष नजर रखी जा रही है। मस्जिद के नाम को लेकर उठाया गया यह नया कदम एक बार फिर से विवाद को हवा दे सकता है।

प्रशासन की सतर्कता और सुरक्षा प्रबंध

नाम बदलने के इस प्रयास को लेकर स्थानीय प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। चूंकि मस्जिद पहले से ही विवादों में है, इसलिए पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां किसी भी प्रकार की अशांति से बचने के लिए आवश्यक कदम उठा रही हैं। मस्जिद परिसर और आस-पास के क्षेत्र में निगरानी बढ़ा दी गई है, और किसी भी संभावित विरोध या प्रदर्शन की स्थिति से निपटने के लिए बल तैनात किया गया है।