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Up Kiran, Digital Desk: 70 के दशक की चुलबुली और टॉप एक्ट्रेस मौसमी चटर्जी अपनी शानदार अदाकारी के लिए जानी जाती हैं। उन्होंने अपने करियर में अनगिनत सुपरहिट फिल्में दीं। लेकिन उनकी ज़िंदगी में एक ऐसा तूफान भी आया, जिसने उन्हें अंदर तक झकझोर दिया – उनकी बेटी पायल की दर्दनाक मौत। यह मामला तब और भी सुर्खियों में आया जब उनके दामाद डिकी सिन्हा ने उन पर गंभीर आरोप लगाए कि उन्होंने बेटी के आखिरी वक्त में उसका साथ नहीं दिया। वहीं, मौसमी ने पहले एक इंटरव्यू में यह कहकर सबको चौंका दिया था कि बेटी की तकलीफ देखकर वह भगवान से उसकी मौत की दुआ करने लगी थीं। अब, एक हालिया इंटरव्यू में मौसमी ने अपनी बेटी से जुड़ी यादों और उस दर्द को साझा किया है, जिससे उनका परिवार आज तक उबर नहीं पाया है।

बीमार बेटी से मिलने की शर्तें और कभी न भरने वाला घाव

मौसमी ने नयनदीप रक्षित के साथ बातचीत में बताया कि बेटी को खोने का ग़म उनके पति जयंत आज तक भुला नहीं पाए हैं, और न ही वो खुद। "यह खालीपन हमेशा रहेगा," उन्होंने कहा। अपनी बीमार बेटी से मिलने के लिए कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाने के अनुभव को उन्होंने 'टॉर्चर' बताया, जिसने उनके पति और छोटी बेटी मेघा को भी बुरी तरह प्रभावित किया। आरोप हैं कि पायल के ससुराल वालों ने उनके साथ भी बुरा बर्ताव किया था।

मौसमी ने आगे कहा, "हम अब तक इस दुख से उबर नहीं पाए हैं। जब कोई बच्चा मरता है तो इससे कोई माता-पिता नहीं उबर सकते। पायल, मेघा के लिए मां जैसी थी, दोनों के बीच 8 साल का अंतर था।" पति जयंत पर बेटी पायल की मौत के असर के बारे में बात करते हुए मौसमी ने कहा, "वे कई रात सो नहीं पाए। रात में उठकर पायल का नाम लेकर रोने लगते। इन बातों को शब्दों में समझा पाना मुश्किल है। मैं उन्हें कहती हूं, ये हो चुका है, अब हम कुछ नहीं कर सकते। मैं उन्हें सब भूल जाने को कहती हूं।"

दामाद के आरोप और मौसमी का जवाब

इस दौरान मौसमी ने अपने दामाद डिकी सिन्हा द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों पर भी बात की। डिकी ने आरोप लगाया था कि मौसमी ने पायल की मौत के बाद उसका चेहरा तक नहीं देखा और न ही वह अंतिम संस्कार में शामिल हुईं। इस पर मौसमी ने कहा, "पायल का शव मुर्दाघर में इसलिए रखा गया था क्योंकि उन लोगों (ससुराल वालों) ने उसके मेडिकल बिल नहीं चुकाए थे। जब वो नहीं रही तो मैं अस्पताल गई थी। उसे शवगृह में रखा गया था। मैंने वो सब बकवास सहन की। आप इन चीजों से सीखते हैं कि दुनिया में कितने तरह के लोग हैं।"

बेटी की बीमारी और माँ की दर्दनाक दुआ

आपको बता दें, मौसमी चटर्जी और उनके पति जयंत मुखर्जी की बेटी पायल का 2019 में निधन हो गया था। पायल बचपन से ही टाइप-1 डायबिटीज से पीड़ित थीं और महज़ 45 साल की उम्र में ज़िंदगी की जंग हार गईं। मौत से पहले वह दो साल तक कोमा में थीं। मौसमी ने पहले एक इंटरव्यू में कहा था कि बेटी की तकलीफ देखकर वह भगवान से उसकी मौत की दुआ मांगने लगी थीं। "वो (पायल) भी जाना चाहती थी, मुझे भी भगवान से प्रार्थना करनी पड़ी कि इसे दूर ले जाओ, मैं इसे और दर्द में नहीं देख सकती थी," उन्होंने कहा।

एक गलती और पूरे परिवार का दर्द

मौसमी ने यह भी कहा कि पायल ने एक 'गलती' की थी, जिसका खामियाजा न सिर्फ उसे, बल्कि पूरे परिवार को भुगतना पड़ा। "मैं सिर्फ ये नहीं बोल सकती कि पायल ने गलत किया, अगर पायल ने गलत किया तो हम क्यों भुगत रहे हैं? ये भी नहीं कह सकती कि एक मां के तौर पर मैं भुगत रही हूं, लेकिन फिर मेरे पति क्यों भुगत रहे हैं, मेरी छोटी बेटी क्यों भुगत रही है?" उन्होंने बताया कि पायल बीच-बीच में कोमा से बाहर आती थी, लेकिन उनसे मिलने के लिए भी शर्तें रखी जाती थीं।

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