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Up Kiran, Digital Desk: तिरुमाला की पहाड़ियों में बसे श्री वेंकटेश्वर जूलॉजिकल पार्क (चिड़ियाघर) से एक बहुत ही दुखद खबर आई है। चिड़ियाघर की शान माना जाने वाला 15 साल का नर जैगुआर 'कुशा' अब इस दुनिया में नहीं रहा। मंगलवार को अपने ही बाड़े में हुए एक दर्दनाक हादसे में उसकी मौत हो गई, जिससे पूरे चिड़ियाघर में मातम पसरा हुआ है।

कैसे हुआ यह दुखद हादसा:  यह हादसा तब हुआ जब कुशा अपने बाड़े में पेड़ पर चढ़ने की कोशिश कर रहा था, जो कि जैगुआर की एक स्वाभाविक आदत होती है। लेकिन इसी दौरान, वह दुर्भाग्य से बुरी तरह फँस गया। विशेषज्ञों का मानना है कि उसकी ज़्यादा उम्र के कारण वह खुद को उस फंदे से छुड़ा नहीं पाया, जिससे हालात और भी गंभीर हो गए।

जैसे ही चिड़ियाघर के कर्मचारियों की नज़र उस पर पड़ी, वे तुरंत उसे बचाने के लिए दौड़े। डॉक्टरों की टीम ने भी बहुत कोशिश की, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी और कुशा को नहीं बचाया जा सका।

क्या कहती है पोस्टमार्टम रिपोर्ट: बाद में, डॉक्टरों की एक टीम ने कुशा का पोस्टमार्टम किया। रिपोर्ट में भी यह बात साफ हो गई कि उसकी मौत दम घुटने और शरीर में खून का बहाव रुक जाने (Asphyxia and Hypovolemic Shock) की वजह से हुई, जो कि किसी चीज़ में बुरी तरह फंसने से होता है। सभी प्रोटोकॉल का पालन करते हुए, चिड़ियाघर के कर्मचारियों और अधिकारियों की मौजूदगी में कुशा का अंतिम संस्कार कर दिया गया।

हर किसी का चहेता था ‘कुशा: कुशा को 2013 में हैदराबाद के नेहरू जूलॉजिकल पार्क से तिरुपति लाया गया था। पिछले करीब 11 सालों से वह इस चिड़ियाघर की जान था। अपनी शाही चाल और शानदार लुक से वह बच्चों से लेकर बड़ों तक, हर किसी का चहेता बन गया था।

चिड़ियाघर मैनेजमेंट ने एक भावुक बयान में कहा, “कुशा एक शानदार जानवर था, जिसकी मौजूदगी ने एक दशक तक दर्शकों को मोहित किया। उसकी कमी हमें, हमारे वॉलंटियर्स और उन अनगिनत दर्शकों को बहुत ज़्यादा खलेगी जो उसे बहुत प्यार करते थे।”