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Up Kiran, Digital Desk: अंतरराष्ट्रीय भू-राजनीति में इन दिनों जिस एक संभावित घटनाक्रम पर सबकी निगाहें टिकी हैं, वह है अमेरिका, रूस और यूक्रेन के बीच संभावित शिखर वार्ता, जिसमें पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भी भूमिका हो सकती है। रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच अलास्का में एक ऐतिहासिक बैठक की संभावनाएं जताई जा रही हैं। 

यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब रूस-यूक्रेन युद्ध अपने चरम पर है और ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर अंतरराष्ट्रीय चिंताएं भी बढ़ी हुई हैं। यदि यह बैठक वास्तव में होती है, तो यह वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।

क्या है 'ट्रिपल अलायंस' की पृष्ठभूमि:अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में कहा है कि वह अगले शुक्रवार, 15 अगस्त को अलास्का में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलेंगे। हालांकि, यह एक संभावित बैठक है और इसके विवरण अभी पूरी तरह स्पष्ट नहीं हैं। ट्रंप ने यह भी संकेत दिया है कि वह यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की से भी मिल सकते हैं, और यदि पहली बैठक सफल रहती है, तो वे एक त्रिपक्षीय बैठक भी कर सकते हैं।राष्ट्रपति बाइडेन के प्रशासन की ओर से इस तरह की किसी बैठक की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन जिस तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं, उससे यह स्पष्ट है कि वैश्विक मंच पर बड़े बदलाव की आहट सुनाई दे रही है।

यूक्रेन युद्ध: 'डील' या ‘डेथ:रूस-यूक्रेन युद्ध, जो पिछले कई सालों से जारी है, दुनिया के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है। ट्रंप ने युद्धविराम की संभावनाओं पर जोर देते हुए कहा है कि वह पुतिन को युद्ध रोकने के लिए प्रेरित करेंगे, अन्यथा "बहुत गंभीर परिणाम" भुगतने पड़ सकते हैं। हालांकि, इस बात पर भी चिंता जताई जा रही है कि कहीं इस तरह की किसी बैठक में यूक्रेन की सहमति के बिना उसके हितों को दरकिनार न कर दिया जाए। यूरोपीय नेताओं ने भी इस बैठक के महत्व को समझा है और वे इस बात पर जोर दे रहे हैं कि किसी भी समाधान में यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान हो। ट्रंप ने यह भी संकेत दिया है कि युद्धविराम के लिए कुछ "क्षेत्रों की अदला-बदली" (territory swap) की जा सकती है, जिसने यूक्रेन और उसके सहयोगियों की चिंता बढ़ा दी है।

ईरान का परमाणु संकट: क्या निकलेगा समाधान:बैठक का एक और महत्वपूर्ण एजेंडा ईरान का परमाणु कार्यक्रम हो सकता है।अमेरिका, रूस और यूरोप के बीच ईरान के परमाणु समझौते (JCPOA) को लेकर पहले से ही मतभेद रहे हैं।ऐसे में, इन तीन प्रमुख वैश्विक शक्तियों के नेताओं का एक साथ आना, ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर एक नए कूटनीतिक समाधान की ओर ले जा सकता है। यह संभव है कि इस बैठक में ईरान पर प्रतिबंधों को लेकर या उसके परमाणु कार्यक्रम को सीमित करने को लेकर कोई नई रणनीति तय की जाए।

भू-राजनीतिक दांव-पेच और अनिश्चितता:यह बैठक न केवल यूक्रेन और ईरान के भविष्य के लिए, बल्कि अमेरिका की घरेलू राजनीति के लिए भी महत्वपूर्ण होगी। राष्ट्रपति बाइडेन के लिए यह एक ऐसा अवसर हो सकता है जब वे ट्रंप के पूर्ववर्ती प्रशासन की नीतियों की समीक्षा कर सकें और एक नई दिशा तय कर सकें। वहीं, ट्रंप इस बैठक का उपयोग अपनी 'डील-मेकिंग' क्षमता का प्रदर्शन करने और संभावित रूप से नोबेल शांति पुरस्कार के लिए अपनी दावेदारी मजबूत करने के तौर पर देख सकते हैं।

 इन सभी संभावनाओं के बीच, यह भी महत्वपूर्ण है कि यह एक संभावित बैठक है और इसके वास्तविक परिणाम कई अप्रत्याशित कारकों पर निर्भर करेंगे। वैश्विक शांति और स्थिरता के लिहाज से, इस तरह की उच्च-स्तरीय कूटनीति का होना जितना महत्वपूर्ण है, उतना ही यह भी आवश्यक है कि इसमें सभी प्रमुख पक्षों के हितों का ध्यान रखा जाए।