Up Kiran, Digital Desk: जब हम किसी ब्यूटी क्वीन को रैंप पर वॉक करते या ताज पहनते देखते हैं, तो हमें लगता है कि उनकी जिंदगी कितनी परफेक्ट होगी. लेकिन इस चमक-दमक के पीछे की कहानी बिल्कुल अलग होती है. 2018 में मिस डीवा यूनिवर्स का ताज अपने नाम कर चुकीं नेहल चुडासमा का कहना है कि यह सोचना कि ब्यूटी क्वीन्स हर तरह से परफेक्ट होती हैं, एक बहुत बड़ा मिथक है.
नेहल, जो आजकल "बिग बॉस" के 19वें सीजन में नजर आ रही हैं, ने बताया कि ताज के पीछे का सफर बहुत मुश्किलों भरा था. उन्होंने कहा, "लोग सोचते हैं कि ब्यूटी क्वीन्स हमेशा सुंदर दिखती हैं, उनमें आत्मविश्वास कूट-कूटकर भरा होता है और वे कोई गलती नहीं करतीं. लेकिन हम भी आपकी और हमारी तरह आम इंसान ही हैं."
नेहल ने बताया कि जब आप किसी छोटे शहर से आते हैं और आपका मनोरंजन की दुनिया से कोई लेना-देना नहीं होता, तो सब कुछ सीखना बहुत मुश्किल होता है. उन्होंने कहा, "पेजेंट की दुनिया कैसे काम करती है, ताज जीतने के लिए क्या-क्या करना पड़ता है, अपनी पर्सनैलिटी को कैसे निखारना है, और दूसरों के लिए प्रेरणा कैसे बनना है - यह सब सीखने में बहुत मेहनत लगती है."
"हम परफेक्ट नहीं होते, बस खुद को बेहतर बनाते हैं"
जब उनसे पूछा गया कि लोगों को ब्यूटी क्वीन्स के बारे में सबसे बड़ी गलतफहमी क्या है, तो उन्होंने कहा, "यही कि वे परफेक्ट होती हैं. हम नहीं होते. हां, हम खुद को ज्यादा ग्रूम करते हैं और एक ऐसे मुकाम पर पहुंचने की कोशिश करते हैं, जहां हम लोगों को हिम्मत दे सकें, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हममें कोई कमी नहीं है. हम भी अपनी गलतियों और कमियों को अपनाते हैं."
नेहल के लिए, खूबसूरती सिर्फ बाहरी सुंदरता नहीं है. वे मानती हैं कि यह एक इंसान के पूरे व्यक्तित्व का आईना है. आपका अंदर से कैसा महसूस करते हैं और आप दुनिया के सामने खुद को कैसे पेश करते हैं, यह सब मिलकर ही असली खूबसूरती बनती है.
उनका सफर उन सभी लोगों के लिए एक प्रेरणा है, जो खुद पर शक करते हैं. नेहल की कहानी बताती है कि मेहनत और लगन से कोई भी अपने सपनों को पूरा कर सकता है.
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