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Up Kiran, Digital Desk: अमेरिकी सेक्स अपराधी जेफ़री एपस्टीन के साथ दोस्ती निभाना ब्रिटेन के प्रिंस एंड्रयू को अब बहुत भारी पड़ रहा है। किंग चार्ल्स III ने अपने भाई के ख़िलाफ़ अब तक का सबसे सख़्त फ़ैसला लेते हुए उन्हें शाही परिवार से लगभग पूरी तरह बेदखल कर दिया है। प्रिंस से उनके सारे शाही और सैन्य ख़िताब छीनने के बाद अब उन्हें विंडसर में स्थित उनका शाही घर 'रॉयल लॉज' भी खाली करने का आदेश दिया गया है।

यह आदेश शाही परिवार के लिए एक ऐतिहासिक और शर्मिंदगी भरा पल है। एंड्रयू, जो महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के बेटे हैं, पिछले 20 सालों से 30 कमरों वाले इस आलीशान रॉयल लॉज में रह रहे थे। लेकिन अब उन्हें महल के कर्मचारियों द्वारा साफ़ तौर पर कह दिया गया कि उन्हें यह घर छोड़ना ही होगा।

क्यों लिया गया इतना बड़ा फ़ैसला?

यह पूरा विवाद प्रिंस एंड्रयू के जेफ़री एपस्टीन के साथ गहरे संबंधों और वर्जीनिया गिफ्रे नामक महिला द्वारा उन पर लगाए गए यौन शोषण के आरोपों के कारण खड़ा हुआ है। हालांकि प्रिंस एंड्रयू ने इन आरोपों से बचने के लिए वर्जीनिया के साथ कोर्ट के बाहर एक मोटी रक़म देकर समझौता कर लिया था, लेकिन इस स्कैंडल ने शाही परिवार की इज़्ज़त पर एक ऐसा दाग़ लगा दिया जिसे मिटाना मुश्किल है।

पहले महारानी एलिजाबेथ ने उनसे उनके सैन्य पद और शाही संरक्षण छीन लिए थे, लेकिन अब उनके भाई, किंग चार्ल्स, ने मामले को पूरी तरह से ख़त्म करने का फ़ैसला किया है।

किंग चार्ल्स नहीं चाहते कोई भी नाता

ख़बरों के मुताबिक़, किंग चार्ल्स यह साफ़ कर देना चाहते हैं कि शाही परिवार का ऐसे किसी भी व्यक्ति से कोई संबंध नहीं है, जिस पर इतने गंभीर आरोप लगे हों। उनका यह क़दम दिखाता है कि वह राजशाही की प्रतिष्ठा को बचाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं, भले ही इसके लिए उन्हें अपने भाई के ख़िलाफ़ ही क्यों न जाना पड़े।

एंड्रयू के लिए यह एक बहुत बड़ा झटका है। वह न सिर्फ़ अपनी शाही पहचान खो चुके बल्कि अब उन्हें अपना घर भी छोड़ना पड़ेगा, जो उनके अपमान को और भी गहरा कर देता ।