नई दिल्ली। सरसों के तेल के नाम पर लोगों की सेहत के साथ बड़ा खिलवाड़ किया जा रहा है। हाल ही में की गई एक खाद्य सुरक्षा जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। जांच रिपोर्ट के अनुसार, बाजार में बिकने वाले कई ब्रांड्स के सरसों तेल में पाम ऑयल, यलो कलर और यहां तक कि बटर जैसी चीजें मिलाकर उसे सरसों का तेल बताकर बेचा जा रहा है।
खाद्य विभाग की इस जांच में पाया गया कि असली सरसों के तेल में खुशबू और रंग की पहचान के नाम पर कृत्रिम रंगों का उपयोग किया जा रहा है, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हो सकते हैं। पाम ऑयल सस्ता होता है, इसलिए कई व्यापारी इसकी मिलावट करके मुनाफा कमाने में लगे हैं। इसमें बटर जैसे तत्व मिलाकर तेल की गंध और बनावट को बदल दिया जाता है ताकि उपभोक्ता भ्रमित हो जाएं।
विशेषज्ञों के अनुसार, इस तरह की मिलावट वाले तेल का नियमित सेवन शरीर में विषाक्त तत्वों के जमाव का कारण बन सकता है, जिससे लीवर, किडनी और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। यही नहीं, यह बच्चों और बुजुर्गों के लिए और भी ज्यादा खतरनाक हो सकता है।
फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट ने इस पर सख्ती बरतते हुए कई जगहों से सैंपल इकट्ठा किए हैं और जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे हैं। कुछ कंपनियों के खिलाफ पहले ही कार्रवाई शुरू कर दी गई है, जबकि अन्य की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
सरकार ने लोगों से अपील की है कि तेल खरीदते समय ब्रांड और लेबल की जांच जरूर करें, साथ ही गुणवत्ता की पहचान के लिए विश्वसनीय दुकानों से ही सरसों तेल खरीदें। मिलावटी तेल की जानकारी होने पर तुरंत खाद्य विभाग को सूचित करें।
इस तरह की घटनाएं यह संकेत देती हैं कि हमारी थाली में क्या परोसा जा रहा है, इसकी निगरानी अब और भी जरूरी हो गई है।

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