img

Up Kiran, Digital Desk: अफगानिस्तान की धरती एक बार फिर विनाशकारी भूकंप से कांप उठी है। पश्चिमी अफगानिस्तान, खासकर ईरान की सीमा से लगे हेरात प्रांत में आए 6.3 की तीव्रता वाले शक्तिशाली भूकंप ने सैकड़ों जिंदगियों को मलबे के ढेर में दफन कर दिया है। अब तक 600 से ज्यादा लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, और यह आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। हजारों लोग घायल हैं और अनगिनत घर मिट्टी में मिल चुके हैं, जिससे यह हाल के वर्षों की सबसे भयानक त्रासदियों में से एक बन गई है।

भूकंप का केंद्र हेरात शहर से लगभग 40 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में था। लेकिन इसका असर इतना भयानक था कि एक के बाद एक आए कई झटकों ने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया। गांवों के गांव समतल हो गए हैं, और जहां कभी घर हुआ करते थे, वहां अब सिर्फ मिट्टी और पत्थर का मलबा नजर आ रहा है।

मलबे में दबी जिंदगी, उम्मीदें तोड़ती हकीकत

राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी हैं, लेकिन चुनौती बहुत बड़ी है। आपातकालीन टीमें मलबे के हर ढेर में जिंदगी के निशान तलाश रही हैं, लेकिन समय बीतने के साथ-साथ उम्मीदें भी टूट रही हैं। बहुत से लोग अभी भी अपने ढह चुके घरों के नीचे फंसे हुए हैं।

सबसे दर्दनाक तस्वीरें उन गांवों से आ रही हैं जहां मिट्टी के बने घर ताश के पत्तों की तरह ढह गए। स्थानीय लोग अपने हाथों से मलबा हटाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि अपने प्रियजनों को बचा सकें। अस्पताल घायलों से भरे पड़े हैं, और दवाइयों तथा चिकित्सा सुविधाओं की भारी कमी हो गई है।

यह भूकंप ऐसे समय में आया जब अफगानिस्तान पहले से ही दशकों के युद्ध और गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है। इस प्राकृतिक आपदा ने वहां के लोगों के दुखों को और भी बढ़ा दिया है। अंतर्राष्ट्रीय सहायता एजेंसियां मदद के लिए आगे आ रही हैं, लेकिन दूर-दराज के इलाकों तक पहुंचना एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।

--Advertisement--