Up Kiran, Digital Desk: अगर आपको सिर्फ पतले-दुबले लड़के ही चाहिए, तो आपको फैशन शो में जाकर मॉडल्स को चुनना चाहिए!" यह गुस्सा और तल्खी किसी आम क्रिकेट फैन की नहीं, बल्कि भारत के महानतम बल्लेबाजों में से एक सुनील गावस्कर की है। उनका यह गुस्सा उस खिलाड़ी के लिए है, जिसने पिछले तीन रणजी ट्रॉफी सीजन में रनों का ऐसा पहाड़ खड़ा किया है जैसा दशकों में किसी ने नहीं किया - नाम है, सरफराज खान।
वेस्टइंडीज दौरे के लिए भारतीय टेस्ट टीम के ऐलान के बाद से ही भारतीय क्रिकेट में भूचाल आ गया है। और इस भूचाल का केंद्र है 25 साल के सरफराज खान का एक बार फिर टीम में न चुना जाना। यह फैसला इतना विवादास्पद है कि इसने सुनील गावस्कर और अनिल कुंबले जैसे दिग्गजों को भी BCCI और चयन समिति के खिलाफ बोलने पर मजबूर कर दिया है।
रन, रन और सिर्फ रन... तो फिर गलती कहां है?
सरफराज खान का मामला भारतीय क्रिकेट की सबसे बड़ी पहेली बन गया है। उनके आंकड़े किसी भी चयनकर्ता को उन्हें टीम में शामिल करने के लिए मजबूर कर सकते हैं:
रणजी सीजन 2021-22: 982 रन
रणजी सीजन 2022-23: 556 रन
फर्स्ट-क्लास करियर औसत: लगभग 80 का औसत, जो महान डॉन ब्रैडमैन के बाद सर्वश्रेष्ठ में से एक है।
साफ है, प्रदर्शन में कोई कमी नहीं है। तो फिर सरफराज को क्यों नजरअंदाज किया जा रहा ?
BCCI सूत्रों का 'फिटनेस' और 'अनुशासन' वाला बहाना?
टीम चयन के बाद BCCI के सूत्रों के हवाले से कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि सरफराज को उनके 'खराब फिटनेस लेवल' और मैदान के अंदर-बाहर उनके 'अनुशासनहीन' रवैये की वजह से नहीं चुना गया। कहा गया कि सिर्फ रन बनाना ही टीम में चयन का एकमात्र मानदंड नहीं है।
गावस्कर का 'विराट' प्रहार: BCCI के इन कथित तर्कों पर सुनील गावस्कर ने चयनकर्ताओं को बुरी तरह लताड़ा है। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा:
"आप रन बनाने के बारे में बात कर रहे हैं। अगर आप अनफिट हैं तो आप शतक कैसे बना रहे हैं? क्रिकेट में फिटनेस सबसे अहम है, और वह लगातार शतक बना रहा है।"
"अगर आप सिर्फ दुबले-पतले लड़के चाहते हैं, तो आप किसी फैशन शो में जाएं और कुछ मॉडलों को चुनें और उन्हें एक बल्ला और गेंद दें... आपके पास सभी शेप और साइज के क्रिकेटर हैं। साइज पर मत जाइए, स्कोर या विकेटों पर जाइए।"
गावस्कर ने यहां तक कह दिया कि सरफराज को यह महसूस कराना बंद करना चाहिए कि उसकी मेहनत बेकार जा रही है और उसे चयन की झूठी उम्मीद नहीं देनी चाहिए। उन्होंने चयनकर्ताओं को रणजी ट्रॉफी देखना बंद करने की भी सलाह दे डाली अगर वे वहां के प्रदर्शन को महत्व नहीं देते।
तो फिर असली वजह क्या है?
इस बार सरफराज के चयन में सबसे बड़ा रोड़ा अनुभवी बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे की वापसी बनी है। चयनकर्ताओं ने मध्य-क्रम में अनुभव को तरजीह दी, जिससे सरफराज के लिए कोई जगह ही नहीं बची। लेकिन यह सवाल अपनी जगह बना हुआ है कि अगर आप भविष्य की ओर देख रहे हैं, तो आप कब तक एक ऐसे खिलाड़ी को नजरअंदाज कर सकते हैं, जो घरेलू क्रिकेट में अपने बल्ले से आग लगा रहा है?
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