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भोपाल में संस्कृति बचाओ मंच ने बकरीद के मौके पर एक अनोखा प्रदर्शन किया।  संगठन के कार्यकर्ताओं ने मिट्टी के बने बकरों से प्रतीकात्मक कुर्बानी दी, जिससे पर्यावरणीय जागरूकता का संदेश दिया।  इस आयोजन का उद्देश्य बकरीद की परंपरा का सम्मान करते हुए पर्यावरण की रक्षा करना था।

संगठन के सदस्य मानते हैं कि यदि होली और दिवाली जैसे त्योहारों को इको-फ्रेंडली तरीके से मनाया जा सकता है, तो बकरीद पर भी पर्यावरण का ध्यान रखते हुए प्रतीकात्मक कुर्बानी दी जा सकती है।  इस पहल से न केवल पर्यावरण की रक्षा होती है, बल्कि हिंदू-मुस्लिम एकता का भी संदेश जाता है।

इस आयोजन में मिट्टी के बकरों को सजाया गया और उनके पास फूलों की माला रखी गई।  संगठन के सदस्यों ने इस दौरान पर्यावरणीय जागरूकता पर चर्चा की और लोगों से अपील की कि वे त्योहारों को पारंपरिक तरीके से मनाते हुए पर्यावरण का भी ध्यान रखें।

इस पहल को लेकर समाज के विभिन्न वर्गों से सकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिली हैं।  लोगों ने इस अनोखी पहल को सराहा और इसे एक नई दिशा की ओर कदम बताया।  संस्कृति बचाओ मंच का मानना है कि इस तरह की पहल से समाज में जागरूकता बढ़ेगी और पर्यावरण की रक्षा होगी। 
 

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