
Up Kiran, Digital Desk: टेस्ट क्रिकेट, जिसे खेल का सबसे मुश्किल प्रारूप माना जाता है, अक्सर बल्लेबाजों के धैर्य और कौशल की परीक्षा लेता है। लेकिन कभी-कभी, महान खिलाड़ी भी "ज़ीरो" पर आउट हो जाते हैं, और टेस्ट क्रिकेट में 'डक' का अनचाहा रिकॉर्ड बन जाता है। भारतीय क्रिकेट के इतिहास में भी कुछ ऐसे नाम हैं जिन्होंने सर्वाधिक बार शून्य पर आउट होने का रिकॉर्ड अपने नाम किया है।
इस लिस्ट में शीर्ष पर हैं भारतीय तेज़ गेंदबाज़ इशांत शर्मा। अपने शानदार स्विंग और गति के लिए जाने जाने वाले इशांत ने 105 टेस्ट मैचों में खेलते हुए 34 बार शून्य पर आउट होने का 'अनचाहा रिकॉर्ड' बनाया है। हालांकि, एक प्योर बॉलर होने के नाते, उनका यह आंकड़ा उतना हैरान करने वाला नहीं है, क्योंकि निचले क्रम के बल्लेबाजों से हमेशा बहुत ज़्यादा रन की उम्मीद नहीं की जाती।
उनकी मुख्य भूमिका गेंदबाज़ी है, और उसमें उन्होंने भारत के लिए बेहतरीन प्रदर्शन किया है, जिससे वह लंबे समय तक भारतीय टेस्ट टीम का एक अहम हिस्सा रहे।
लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि इस लिस्ट में भारत के दो महान बल्लेबाज़ भी शामिल हैं, जिनके नाम टेस्ट क्रिकेट में अनगिनत रन और रिकॉर्ड हैं। यह दिखाता है कि टेस्ट क्रिकेट कितना अप्रत्याशित हो सकता है, और बड़े से बड़े खिलाड़ी भी कभी-कभी बिना खाता खोले पवेलियन लौट जाते हैं।
यह इस बात का प्रमाण है कि क्रिकेट अनिश्चितताओं का खेल है, जहां हर दिन एक नई चुनौती पेश आती है, भले ही आप कितने भी अनुभवी क्यों न हों।
शून्य पर आउट होना किसी भी बल्लेबाज के लिए निराशाजनक होता है, लेकिन यह खेल का हिस्सा है। कभी तेज़ गेंदबाज़ की शानदार गेंद, कभी स्पिनर की जाल में फंसना, और कभी बस किस्मत का साथ न देना – ऐसे कई कारण हो सकते हैं।
भले ही यह एक 'अनचाहा रिकॉर्ड' हो, लेकिन यह किसी भी खिलाड़ी के समग्र प्रदर्शन या टेस्ट क्रिकेट में उनके योगदान को कम नहीं करता। यह बस एक आंकड़ा है जो दिखाता है कि टेस्ट क्रिकेट में हर दिन एक चुनौती होती है, और यहां तक कि सबसे अच्छे खिलाड़ी भी कभी-कभी अपने दिन पर नहीं होते।
इशांत शर्मा के डक रिकॉर्ड से उनकी गेंदबाज़ी की क्षमता पर कोई दाग नहीं लगता, और यह बस एक दिलचस्प सांख्यिकी है जो टेस्ट क्रिकेट के विचित्र आंकड़ों को दर्शाती है।
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