
Up Kiran, Digital Desk: जम्मू और कश्मीर के कुलगाम जिले में पिछले सात दिनों से जारी आतंकवाद विरोधी अभियान (anti-terror operation) ने अखल गांव के स्थानीय निवासियों के लिए गंभीर कठिनाइयां (severe hardships) पैदा कर दी हैं। लगातार हो रही फायरिंग (relentless firing) और विस्फोटों के कारण गांव वाले न केवल सो नहीं पा रहे हैं, बल्कि उनके घरों में भोजन (food) और राशन (ration) की भी भारी कमी हो गई है। स्थिति की भयावहता को देखते हुए, ग्रामीणों ने अब अपने बच्चों और परिवारों के सुरक्षित विस्थापन (relocation) की गुहार लगाई है।
खौफ के साये में बीत रही रातें, जीवन हुआ दूभर
अखन गांव के मुबारक खंडय, जो एनकाउंटर साइट (encounter site) के करीब रहते हैं, ने गांव वालों की दर्दनाक स्थिति का वर्णन किया। उन्होंने कहा, "हम पिछले सात दिनों से गंभीर कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। रात भर फायरिंग और बम चलते रहते हैं। अब हमारे घरों में राशन की कमी हो गई है।" (Source Text) खंडय ने इस बात पर भी जोर दिया कि क्षेत्र की महिलाओं और बच्चे बेहद डरे हुए (terrified) हैं। लगातार फायरिंग और विस्फोटों (explosions) के कारण उनमें 'मनोवैज्ञानिक समस्याएं' (psychological problems) भी विकसित हो गई हैं। (Source Text)
'सात दिन से सोए नहीं, बच्चे रोते रहते हैं', ग्रामीणों की मार्मिक अपील
सरकारी व्यवस्थाओं पर आश्रित गांव वालों की हालत यह है कि वे सरकार से तुरंत उनके विस्थापन (relocation) की व्यवस्था करने की अपील कर रहे हैं। खंडय ने व्यथित स्वर में कहा, "हम सात दिनों से सोए नहीं हैं। बच्चे जागे हुए हैं, और वे रोते हैं। दवा (medicine) और राशन की कमी है।" (Source Text) उन्होंने यह भी बताया कि इलाके में रहने वाली खानाबदोश आबादी, जिसमें गुर्जर (Gujjar) लोग भी शामिल हैं, के पास भी भोजन के अनाज (food grains) खत्म हो गए हैं। "गुज्जर लोगों ने हमें फोन किया... उनके पास राशन नहीं है," खंडय ने अपनी बात रखते हुए कहा। (Source Text)
अधिकारी कर रहे मदद की कोशिश, पर संसाधन अपर्याप्त
इस कठिन घड़ी में, गांव के स्थानीय अधिकारी जैसे नंबरदार (numberdar) और चौकीदार (chowkidar) भी लोगों की मदद करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। मुबारक खंडय ने बताया, "नंबरदार अपने घर से लोगों को राशन दे रहे थे, लेकिन अब उन्हें भी कमी का सामना करना पड़ रहा है।" (Source Text)
गांव के एक अन्य अधिकारी, शेख महबूब ने भी सरकारी हस्तक्षेप की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने सरकार से राशन की कमी (ration shortage) को दूर करने और गांव में पीने के पानी (drinking water) की व्यवस्था करने का आग्रह किया।
महबूब ने कहा, "हम पानी और दवाओं की कमी का सामना कर रहे हैं। हम अनुरोध करते हैं कि लोक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी (PHE) विभाग हमारे लिए पानी की व्यवस्था करे।" (Source Text) उन्होंने स्वीकार किया कि सुरक्षा बल (security forces) अपना काम कर रहे हैं, लेकिन उनकी मौजूदगी और लगातार फायरिंग बुजुर्गों (elderly) और बच्चों (children) के लिए समस्याएं पैदा कर रही है। (Source Text) हालांकि, उन्होंने स्थानीय लोगों के लिए एम्बुलेंस (ambulance) की व्यवस्था करने के लिए डिप्टी कमिश्नर (Deputy Commissioner) और एसएसपी (SSP) को धन्यवाद भी दिया। (Source Text)