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Up Kiran, Digital Desk: पिछले कुछ हफ्तों से चल रही व्यापारिक खींचतान और तनाव के बाद, भारत और अमेरिका एक बार फिर अपने व्यापारिक रिश्तों को पटरी पर लाने के लिए बातचीत की मेज पर लौट रहे हैं। अमेरिकी सरकार के शीर्ष वार्ताकार आज रात दिल्ली पहुंच रहे हैं, और मंगलवार, 16 सितंबर को दोनों देशों के बीच व्यापारिक मुद्दों को सुलझाने के लिए एक अहम बैठक होगी।

यह बैठक इसलिए भी खास है क्योंकि यह डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा भारत पर 50% तक का भारी-भरकम टैरिफ लगाने के बाद हो रही है, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया था

क्यों आई थी रिश्तों में खटास:अमेरिका ने भारत द्वारा रूस से कच्चा तेल खरीदने का हवाला देते हुए भारतीय सामानों पर टैरिफ को दोगुना कर 50% तक पहुंचा दिया था। ट्रंप प्रशासन का आरोप था कि भारत ऐसा करके यूक्रेन युद्ध को हवा दे रहा है। इस कदम से दोनों देशों के व्यापारिक संबंध पिछले दो दशकों के सबसे खराब दौर में पहुंच गए थे।

कैसे पिघली बर्फ: हाल के दिनों में दोनों देशों के शीर्ष नेताओं के बीच रिश्ते फिर से गर्मजोशी भरे दिखे हैं। राष्ट्रपति ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को "एक अच्छा दोस्त" बताया और सोशल मीडिया पर सकारात्मक संदेशों का आदान-प्रदान हुआ। ट्रंप ने यह भी संकेत दिया कि वह चाहते हैं कि व्यापार वार्ता का "सफल निष्कर्ष" निकले।

क्या हैं उम्मीदें:यह बैठक दोनों देशों के लिए बेहद अहम है। उम्मीद की जा रही है कि इसमें टैरिफ, बाजार तक पहुंच और दूसरे व्यापारिक विवादों को सुलझाने पर चर्चा होगी। भारत अपने कृषि और डेयरी जैसे क्षेत्रों के हितों की रक्षा करना चाहेगा, जबकि अमेरिका अपने उत्पादों के लिए एक बराबरी का बाजार चाहेगा।

अब देखना यह है कि क्या दोनों 'अच्छे दोस्तों' की यह नई गर्मजोशी व्यापारिक रिश्तों की कड़वाहट को मिटा पाएगी और एक नई ट्रेड डील की नींव रख पाएगी।