
Up Kiran, Digital Desk: बेंगलुरु शहर हमेशा से कला और संस्कृति का एक जीवंत केंद्र रहा है, जहाँ शास्त्रीय कला रूपों को न केवल संरक्षित किया जाता है, बल्कि युवा पीढ़ी द्वारा जुनून के साथ आगे भी बढ़ाया जाता है। हाल ही में शहर में एक विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम 'रंगा प्रवेशम' आयोजित किया गया, जिसने सभी उपस्थित लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
यह कार्यक्रम सरला भरतनाट्यम अकादमी के कुशल मार्गदर्शन में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही युवा प्रतिभाओं द्वारा प्रस्तुत किया गया। 'रंगा प्रवेशम' किसी भी भरतनाट्यम विद्यार्थी के जीवन का एक महत्वपूर्ण पड़ाव होता है। यह वर्षों के कठिन प्रशिक्षण और गुरु के आशीर्वाद का परिणाम होता है, जब एक नर्तक पहली बार मंच पर अपनी पूर्ण एकल प्रस्तुति देता है।
इस कार्यक्रम में युवा नर्तकियों ने अपनी प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनकी भावपूर्ण मुद्राएं, ताल के साथ तालमेल बिठाती लयबद्ध चालें और चेहरे के प्रभावशाली भाव भरतनाट्यम की गहन कला के प्रति उनके समर्पण और वर्षों की कड़ी मेहनत को दर्शा रहे थे। प्रत्येक प्रस्तुति कहानी कहती प्रतीत हो रही थी, जिसमें भक्ति, प्रेम और प्रकृति के विभिन्न पहलुओं को सुंदरता से व्यक्त किया गया।
गुरु सरला देवी के मार्गदर्शन में, इन युवा नर्तकियों ने इस प्राचीन कला रूप की बारीकियों को सीखा है। 'रंगा प्रवेशम' उनके प्रशिक्षण की परिणति है और मंच पर एक कलाकार के रूप में उनकी यात्रा की शुरुआत है।
कार्यक्रम में उपस्थित कला प्रेमियों, परिवार के सदस्यों और शुभचिंतकों ने नर्तकियों के प्रदर्शन की सराहना की और उन्हें उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं दीं। यह 'रंगा प्रवेशम' सिर्फ एक शुरुआत है, जो इन युवा कलाकारों के लिए भरतनाट्यम की दुनिया में एक उज्ज्वल भविष्य का वादा करता है। यह आयोजन दर्शाता है कि शास्त्रीय नृत्य की परंपरा बेंगलुरु में युवा पीढ़ी के हाथों में सुरक्षित है और फल-फूल रही है।
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