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पश्चिम बंगाल में हिंसा और देशभर में मुस्लिम संगठनों द्वारा वक्फ बिल को लेकर किए जा रहे विरोध प्रदर्शन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पहला बयान वक्फ बिल के कानून बनने के बाद आया है। मोदी ने आज हरियाणा के हिसार से अयोध्या तक उड़ान सेवा का उद्घाटन किया। इस बार मोदी ने हवाई अड्डे पर ही बैठक की।

देश आजाद होने से लेकर 2013 तक वक्फ एक्ट लागू था। कांग्रेस ने चुनाव में वोट पाने के लिए 2013 में इसमें बदलाव कर दिया। यह कानून इस तरह बनाया गया कि यह बाबासाहेब अम्बेडकर के संविधान के साथ पर्याप्त रूप से संरेखित हो। मोदी ने कहा कि यदि इसका सही तरीके से उपयोग किया गया होता तो आज मुसलमानों को पंचर बनाने की जरूरत नहीं पड़ती।

कांग्रेस कह रही है कि उन्होंने ये मुसलमानों के फायदे के लिए किया। अगर कांग्रेस को सच्चे मुसलमानों से इतना ही लगाव है तो उन्हें एक मुसलमान को कांग्रेस अध्यक्ष बनाना चाहिए। मगर उनके नेता ऐसा नहीं करेंगे। मोदी ने कहा कि ये लोग सिर्फ देश के नागरिकों के अधिकार छीनना चाहते हैं।

कांग्रेस ने हमारे पवित्र संविधान को सत्ता हथियाने के हथियार में बदल दिया है। जब भी कांग्रेस को सत्ता का संकट आया, उन्होंने संविधान को कुचल दिया। संविधान की भावना यह है कि सभी के लिए एक समान नागरिक संहिता होनी चाहिए, जिसे मैं समान नागरिक संहिता (यूसीसी) कहता हूं, मगर कांग्रेस ने इसे लागू नहीं किया है। उत्तराखंड में भाजपा सरकार आने के बाद समान नागरिक संहिता को बड़े उत्साह के साथ लागू किया गया। मोदी ने आरोप लगाया कि संविधान को जेब में रखकर बैठे कांग्रेस के लोग इसका विरोध कर रहे हैं।

आगे उन्होंने कहा कि हमें ये नहीं भूलना चाहिए कि कांग्रेस ने बाबासाहेब के साथ कैसा व्यवहार किया था। कांग्रेस ने उन्हें दो बार चुनाव हराकर अपमानित किया। मोदी ने कर्नाटक की कांग्रेस सरकार की एससी, एसटी और ओबीसी के पेंशन अधिकार छीनने और धर्म के आधार पर आरक्षण देने के लिए भी आलोचना की।