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Up Kiran, Digital Desk: जब हम किसी रिश्ते में 'धोखे' की बात करते हैं, तो हमारे दिमाग में अक्सर किसी और के साथ शारीरिक संबंध बनाने की तस्वीर आती है. लेकिन आज के डिजिटल ज़माने में धोखे का मतलब पूरी तरह से बदल चुका है. अब धोखा कई छोटे-बड़े रूपों में आता है, जो धीरे-धीरे किसी भी मज़बूत रिश्ते की नींव को खोखला कर देता है.

आइए, जानते हैं आज के दौर में धोखे के उन छुपे हुए रूपों को, जिन्हें हम अक्सर नज़रअंदाज़ कर देते हैं:

1. माइक्रो-चीटिंग (Micro-Cheating): धोखे की छोटी-छोटी किश्तें
यह धोखे का सबसे नया और आम रूप है. इसमें छोटी-छोटी हरकतें शामिल होती हैं जो भले ही देखने में बड़ी न लगें, लेकिन आपके पार्टनर का भरोसा तोड़ सकती हैं. जैसे:

अपने पार्टनर से छिपकर अपने एक्स (पुराने प्रेमी/प्रेमिका) से बातें करना.

सोशल मीडिया पर किसी और की तस्वीरों पर ऐसे कमेंट करना जो आप अपने पार्टनर के सामने नहीं कर सकते.

किसी और के साथ ऑनलाइन फ़्लर्ट करना.

ये बातें भले ही छोटी लगें, पर ये दिखाती हैं कि आप अपने रिश्ते से बाहर इमोशनल जुड़ाव ढूंढ रहे हैं.

2. इमोशनल अफेयर (Emotional Affair): दिल का धोखा
यह शारीरिक धोखे से कहीं ज़्यादा गहरा और दर्दनाक हो सकता है. इसमें आप किसी और इंसान के साथ भावनात्मक रूप से इतना जुड़ जाते हैं कि अपने पार्टनर से बातें छिपाने लगते हैं. आप अपनी हर छोटी-बड़ी खुशी, दुख और राज उस तीसरे इंसान से बांटने लगते हैं. इस रिश्ते में भले ही शारीरिक कुछ न हो, पर यह आपके और आपके पार्टनर के बीच एक दीवार खड़ी कर देता है.

3. पैसों का धोखा (Financial Infidelity): भरोसे की जड़ पर वार
जब आप अपने पार्टनर से अपनी कमाई, खर्चे, उधार या निवेश जैसी बातें छिपाते हैं, तो यह भी एक तरह का धोखा है. यह दिखाता है कि आप अपने सांझे भविष्य को लेकर ईमानदार नहीं हैं और यह पैसों से जुड़े भरोसे को पूरी तरह खत्म कर सकता है.

4. डिजिटल धोखा (Digital Deception): टेक्नोलॉजी का गलत इस्तेमाल
रिलेशनशिप में रहते हुए डेटिंग ऐप्स इस्तेमाल करना, किसी और को अपनी पर्सनल तस्वीरें भेजना या एक सीक्रेट सोशल मीडिया प्रोफाइल चलाना - यह सब डिजिटल धोखे में आता है. टेक्नोलॉजी ने भले ही हमें जोड़ा है, पर इसने धोखा देना भी पहले से कहीं ज़्यादा आसान बना दिया है.

बात सिर्फ एक है - भरोसा

धोखा चाहे किसी भी रूप में हो, उसका असली मतलब है 'भरोसे का टूटना'. किसी भी रिश्ते की नींव ईमानदारी और विश्वास पर टिकी होती है. जब आप अपने पार्टनर से कुछ छिपाते हैं, तो आप उस नींव पर चोट करते हैं. इसीलिए, अपने रिश्ते की सीमाओं को लेकर पार्टनर से खुलकर बात करना बहुत ज़रूरी है, ताकि आप दोनों को पता हो कि क्या सही है और क्या गलत.