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बिहार की राजनीति में एक बार फिर तूफान खड़ा हो गया है और इसकी वजह बनी है बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे की जुबान। विधानसभा चुनाव से पहले चौबे ने सीएम नीतीश कुमार को उप-प्रधानमंत्री बनाने की बात कहकर पटना से दिल्ली तक सियासी गलियारों में खलबली मचा दी।

चौबे से पत्रकारों ने पूर्णिया के निर्दलीय सांसद पप्पू यादव के एक बयान पर सवाल किया था। पप्पू ने कहा था कि क्षेत्रीय दल बीजेपी से कम और कांग्रेस से ज्यादा लड़ते हैं। जवाब में चौबे ने पप्पू को नजरअंदाज करते हुए नीतीश पर फोकस कर दिया। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने लंबे वक्त तक एनडीए के संयोजक की भूमिका निभाई है। अगर उन्हें डिप्टी पीएम का दर्जा मिले, तो यह बिहार के लिए गर्व की बात होगी। चौबे ने आगे कहा कि ऐसा होने से बिहार को विकास की नई राह मिलेगी, जैसा कि जगजीवन राम के बाद दूसरी बार होगा।

इससे पहले चौबे नीतीश के बेटे निशांत को ‘सीएम मैटेरियल’ बता चुके हैं। लेकिन यह ताजा बयान सीधे नीतीश को केंद्र में लाने की बात करता है, जिसने सबको चौंका दिया।

बिहार की जनता को नीतीश से काफी उम्मीदें

जेडीयू ने चौबे के बयान को हाथों-हाथ लिया और बीजेपी को आईना दिखाया। पार्टी ने कहा कि बिहार की जनता नीतीश को उम्मीद से देखती है। बीजेपी, लोजपा, रालोमो सभी सहयोगी दल इसे जानते हैं। जेडीयू ने अमित शाह के 30 मार्च के बयान की याद दिलाई, जिसमें शाह ने कहा था कि 2025 का चुनाव नीतीश के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। जेडीयू के एक नेता ने तंज कसा कि चौबे जी को शायद गठबंधन की लाइन भूल गई है। नीतीश बिहार के सीएम हैं, और यही उनकी ताकत है।