Up kiran,Digital Desk : झारखंड के चांडिल इलाके के उन गांवों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है, जहाँ लोगों की रातें हाथियों के डर के साए में कटती हैं। फसल की बर्बादी और जान का खतरा, इन गांवों के लिए एक रोज़ की सच्चाई बन गई थी। लेकिन अब, लगता है कि वन विभाग ने इस बड़ी समस्या का एक बहुत ही अनोखा और असरदार हल निकाल लिया है।
क्या है यह नया 'सुरक्षा कवच'?
वन विभाग ने इन गांवों को हाथियों के आतंक से बचाने के लिए सोलर फेंसिंग लगाने का काम शुरू कर दिया है। आसान भाषा में कहें तो, यह एक तरह की बाड़ है, जिसके तारों में सूरज की रोशनी से बनी हल्की बिजली (सोलर एनर्जी) दौड़ती रहती है।
यह काम कैसे करता है?
- गांव के चारों ओर सौर ऊर्जा से चलने वाले तार बिछाए जा रहे हैं।
- इन तारों में सिर्फ 12 वोल्ट का हल्का करंट होता है, जो किसी की जान लेने के लिए बिल्कुल भी काफी नहीं है।
- जब कोई हाथी गांव में घुसने की कोशिश करता है और इस तार को छूता है, तो उसे एक हल्का सा झटका महसूस होता है, जैसे हमें कभी-कभी किसी चीज़ को छूने से स्टैटिक करंट लगता है।
- इस हल्के झटके से हाथी को कोई नुकसान नहीं होता, बस वो थोड़ा असहज होकर डर जाता है और समझ जाता है कि आगे बढ़ना ठीक नहीं। इसके बाद वह शांति से वापस जंगल की ओर लौट जाता है।
कहाँ शुरू हुआ काम?
इस शानदार योजना की शुरुआत नीमडीह प्रखंड के रामनगर गांव से हो चुकी है, जहाँ पिछले हफ्ते में ही लगभग एक किलोमीटर तक तार बिछाने का काम पूरा भी कर लिया गया है।
वन विभाग का कहना है कि आने वाले समय में कुकड़ू, ईचागढ़ और चांडिल के उन सभी गांवों में यह फेंसिंग लगाई जाएगी, जहाँ हाथियों का आना-जाना सबसे ज़्यादा है।
वन विभाग के रेंजर शशिप्रकाश रंजन ने साफ कहा, "इस फेंसिंग से हाथियों को ज़रा भी नुकसान नहीं होगा। यह सिर्फ एक तरीका है उन्हें गांव से दूर रखने का, ताकि इंसान और हाथी, दोनों सुरक्षित रहें और शांति से जी सकें।"
यह पहल उन ग्रामीणों के लिए किसी वरदान से कम नहीं, जो सालों से इस समस्या से जूझ रहे थे




