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Up Kiran, Digital Desk: मोरक्को ने इस साल बकरीद (ईद अल-अधा) के पवित्र मौके पर जानवरों की कुर्बानी न देने का एक महत्वपूर्ण और प्रतीकात्मक फैसला लिया है। यह निर्णय देश में जारी भीषण सूखे और गंभीर जल संकट को देखते हुए लिया गया है।

बकरीद दुनिया भर के मुसलमानों द्वारा मनाई जाने वाली एक प्रमुख ईद है, जिसमें अल्लाह के प्रति अपनी आस्था के प्रतीक के रूप में जानवरों की कुर्बानी दी जाती है। हालांकि, मोरक्को के अधिकारियों ने नागरिकों से मौजूदा पर्यावरणीय चुनौतियों के प्रति संवेदनशीलता दिखाते हुए इस बार इस परंपरा को टालने या इसका कोई वैकल्पिक तरीका अपनाने का आग्रह किया है।

एक मुस्लिम-बहुल देश के तौर पर मोरक्को का यह कदम धार्मिक प्रथाओं को पर्यावरणीय स्थिरता और संसाधन प्रबंधन से जोड़ने का एक बड़ा उदाहरण प्रस्तुत करता है। यह दिखाता है कि कैसे धार्मिक अनुष्ठानों को भी बदलती जलवायु परिस्थितियों और प्राकृतिक संसाधनों की कमी के संदर्भ में देखा जा सकता है।

मोरक्को का यह फैसला भारत सहित दुनिया भर के मुसलमानों के लिए एक बड़ा संदेश माना जा रहा है। यह उन्हें पर्यावरण संरक्षण के महत्व और संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग की आवश्यकता पर विचार करने के लिए प्रेरित कर सकता है, खासकर ऐसे समय में जब कई देशों में जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय गिरावट का सामना करना पड़ रहा है। यह निर्णय धर्म और पर्यावरण के बीच सामंजस्य स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के तौर पर देखा जा रहा है।

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