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Up Kiran, Digital News: कुछ ही दिन पहले रोहित शर्मा ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया और अब उनके करीबी साथी विराट कोहली ने भी रेड बॉल क्रिकेट को अलविदा कह दिया है। 36 वर्षीय विराट का ये फैसला लाखों फैन्स के लिए एक भावनात्मक झटका है। जून 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ डेब्यू करने वाले इस बल्लेबाज ने 14 सालों तक टेस्ट क्रिकेट को अपनी आक्रामकता अनुशासन और दमदार रिकॉर्ड्स से सजाया।

अब जब विराट कोहली का टेस्ट करियर आधिकारिक रूप से खत्म हो चुका है आइए एक नजर डालते हैं उन शानदार उपलब्धियों पर जो उन्हें क्रिकेट इतिहास के सुनहरे पन्नों में हमेशा के लिए अमर कर गईं -

पहला रिकॉर्ड

कप्तानी की जिम्मेदारी लेना आसान नहीं होता मगर विराट ने इसे एक मौके की तरह लिया। 68 टेस्ट मैचों में कप्तानी करते हुए उन्होंने 20 शतक ठोके - भारत के किसी भी कप्तान द्वारा सबसे ज्यादा टेस्ट शतक। इस सूची में उनसे नीचे हैं महान सुनील गावस्कर जिन्होंने कप्तानी में 11 शतक लगाए थे। विराट के लिए कप्तानी एक दबाव नहीं बल्कि प्रेरणा बन गई।

दूसरा रिकॉर्ड

दोहरा शतक लगाना बल्लेबाज की लंबी पारी खेलने की क्षमता दर्शाता है - और इस मामले में विराट बेमिसाल हैं। 7 डबल सेंचुरी लगाकर वह इस सूची में टॉप पर हैं। सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग जैसे दिग्गज भी यहां उनके पीछे हैं जिनके नाम 6-6 दोहरे शतक हैं। उनका आखिरी दोहरा शतक 2019 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ आया था जिसमें उन्होंने 254 रन की पारी खेली थी।

तीसरा रिकॉर्ड

कई कप्तानों ने भारत को टेस्ट क्रिकेट में नेतृत्व दिया मगर विराट का दौर खास था। 68 मैचों में कप्तानी करते हुए 40 जीत जीत प्रतिशत 58.82% - ये आंकड़े उन्हें भारत का सबसे सफल टेस्ट कप्तान बनाते हैं। उनकी आक्रामक रणनीति फिटनेस पर ज़ोर और युवा खिलाड़ियों में आत्मविश्वास भरने की कला उन्हें बाकी कप्तानों से अलग करती है।

चौथा रिकॉर्ड

ऑस्ट्रेलिया की तेज़ पिचें हों या इंग्लैंड का स्विंग विराट ने हर जगह खुद को साबित किया। 2014-15 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर उन्होंने 4 शतक जड़े और भारत को एक नई उम्मीद दी। फिर 2016-17 में इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज में भी 4 शतक लगाकर आलोचकों को चुप करा दिया। किसी भी विदेशी दौरे पर चार शतक लगाने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज़ बनना विराट के करियर की सबसे बड़ी खासियतों में से एक है।

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