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water crisis: उत्तराखंड में इस गर्मी पेयजल संकट गहराने की आशंका बढ़ती जा रही है। गढ़वाल और कुमाऊं क्षेत्र में जल जीवन मिशन के तहत चलाई जा रही लगभग 16,500 योजनाएं बजट की कमी के कारण पूरी नहीं हो सकीं। निर्माण कार्य से जुड़े ठेकेदारों ने बकाया भुगतान न मिलने के चलते काम रोकने का निर्णय लिया है। बताया जा रहा है कि सरकार पर लमसम 3,500 करोड़ रुपए का पेमेंट बकाया है।
जल जीवन मिशन के कुमाऊं मंडल के मुख्य अभियंता आलोक कुमार ने बताया कि ज्यादातर योजनाएं ठंडे बस्ते में पड़ी हैं, लेकिन प्रशासन की प्राथमिकता उन योजनाओं पर है, जिनमें बहुत कम काम बाकी है।
बता दें कि जल जीवन मिशन के अनुसार हर घर तक नल और जल पहुंचाने का लक्ष्य साल 2024 तक पूरा किया जाना था। मगर बजट संकट के चलते कई योजनाएं अधूरी रह गई हैं। देवभूमि के कई गांवों में जल योजनाओं के लिए सड़कें खोदी जा चुकी हैं, किंतु निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ।
ऐसे में आगामी गर्मियों में उत्तराखंड के कई इलाकों में पेयजल संकट और बढ़ने की आशंका है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि जल्द ही पेमेंट जारी नहीं किया गया, तो राज्य में गंभीर जल संकट खड़ा हो सकता है।