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Up Kiran, Digital Desk: ग्रेटर नोएडा में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। सूरजपुर कोतवाली पुलिस ने एक ऐसे शातिर गिरोह का पर्दाफाश किया है जो गे डेटिंग ऐप 'ग्राइंडर' का इस्तेमाल कर लोगों को फंसाता और फिर उन्हें लूट लेता था। पुलिस ने इस मामले में छह बदमाशों को धर दबोचा है। इन आरोपियों ने सिर्फ एक हफ्ते में लूटपाट की दो बड़ी वारदातों को अंजाम दिया था।

सेंट्रल नोएडा के डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने शुक्रवार को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सूरजपुर कोतवाली की टीम ने इन लुटेरों को 130 मीटर रोड से गिरफ्तार किया है।

कौन हैं ये शातिर बदमाश?

पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान विशाल (निवासी दादरी), शिवम और यश (दोनों नया बांस, अलीगढ़ के रहने वाले, वर्तमान में दादरी), मोहित सिंह सोलंकी (ग्राम धूममानिकपुर), अमन (पियावली) और सूरज सिंह (खटाना धीरखेड़ा, गौतमबुद्ध नगर) के रूप में हुई है। इनके पास से पुलिस ने 19,500 रुपये नकद, एक बिना नंबर प्लेट वाली कार (जो लूट में इस्तेमाल हुई थी), एक मोबाइल फोन और दो अवैध चाकू भी बरामद किए हैं। पुलिस अब इनके अन्य साथियों के बारे में भी जानकारी जुटा रही है।

कैसे देते थे वारदात को अंजाम?

डीसीपी ने बताया कि पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने कबूल किया है कि वे 'ग्राइंडर' गे डेटिंग ऐप के जरिए युवकों से दोस्ती करते थे। एक बार जब पीड़ित उन पर भरोसा करने लगता, तो वे उसे मिलने के लिए किसी सुनसान जगह पर बुलाते थे। इसके बाद, मौका मिलते ही वे उस व्यक्ति के साथ मारपीट करते, उसका मोबाइल फोन और नकदी छीन लेते। इतना ही नहीं, वे यूपीआई के जरिए ऑनलाइन पैसे भी अपने खातों में ट्रांसफर करवा लेते थे। लूटपाट के बाद, वे पीड़ित को डरा-धमकाकर वहां से भगा देते थे।

एक हफ्ते में दो बड़ी वारदातें!

पुलिस के अनुसार, इस गिरोह ने हाल ही में दो बड़ी वारदातों को अंजाम दिया था।

पहली घटना: 19 जून को, इन्होंने एक युवक को रूपबांस तिराहे पर मिलने के लिए बुलाया। उसे कार में बैठाकर उसके साथ मारपीट की, उसका मोबाइल छीना और यूपीआई से पैसे ट्रांसफर करवा लिए। बाद में, उसका मोबाइल फोन रास्ते में फेंक दिया। पीड़ित ने इस संबंध में सूरजपुर थाने में मामला दर्ज कराया था।

दूसरी घटना: 25 जून को, इन्होंने मिग्सन ग्रीन सोसाइटी के बाहर एक और युवक को बुलाया। उसे भी कार में बैठाकर मारपीट की, उसका मोबाइल फोन छीन लिया और जबरन पैसे ट्रांसफर करवा लिए। इस पीड़ित का मोबाइल भी रास्ते में फेंक दिया गया था। इस मामले में भी पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई गई थी। पुलिस ने अब इन दोनों घटनाओं का खुलासा कर दिया है।

कमीशन पर ट्रांसफर होते थे पैसे

पुलिस की जांच में यह भी सामने आया है कि गिरोह में शामिल अमन और सूरज नाम के दो आरोपी यूपीआई के जरिए ट्रांसफर किए गए पैसों को कमीशन लेकर बाकी आरोपियों तक पहुंचाते थे। पुलिस ने बताया कि ये दोनों 20% कमीशन लेते थे और बाकी 80% रकम गिरोह के सदस्यों को दे देते थे। पुलिस अब इनसे उन पैसों के बारे में भी गहराई से पूछताछ कर रही है जो इन्होंने ट्रांसफर करवाए थे। इस खुलासे से डेटिंग ऐप्स के जरिए होने वाली ठगी और लूटपाट के खतरे एक बार फिर सामने आ गए हैं।

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