Up Kiran, Digital Desk: 1980 में आई फिल्म 'दो और दो पांच' ने अपने रिलीज के वक्त न केवल दर्शकों को चौंका दिया था, बल्कि फिल्म उद्योग में भी अपनी एक अलग पहचान बनाई थी। शुरुआत में फिल्म को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था और यह बॉक्स ऑफिस पर भी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई थी। लेकिन जब यह फिल्म धीरे-धीरे दर्शकों में लोकप्रिय हुई, तो इसकी सफलता का ग्राफ तेजी से चढ़ने लगा।
राकेश कुमार की दिशा में बदली किस्मत
अमिताभ बच्चन, जो उस वक्त बॉलीवुड के सबसे बड़े सितारे थे, ने फिल्म को करने से पहले इसे नकारा कर दिया था। फिल्म की कहानी उन्हें आकर्षित नहीं कर पाई थी। मगर, जब इस फिल्म के निर्देशन का जिम्मा राकेश कुमार को सौंपा गया, जो पहले भी 'खून पसीना' और 'मिस्टर नटवरलाल' जैसी फिल्मों में अमिताभ के साथ काम कर चुके थे, तो सब कुछ बदल गया। अमिताभ ने अपनी दोस्ती के कारण इस फिल्म का हिस्सा बनने का फैसला किया।
सुपरहिट होने के बावजूद बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप?
हालांकि फिल्म की शुरुआत अच्छी नहीं थी, लेकिन बाद में यह फिल्म दर्शकों के बीच बेहद लोकप्रिय हो गई। 'दो और दो पांच' की निर्माण लागत केवल 1.50 करोड़ रुपये थी, लेकिन इसने बॉक्स ऑफिस पर 3 करोड़ रुपये का कारोबार किया, जो उस समय के हिसाब से एक बड़ी सफलता थी। फिल्म में अमिताभ के साथ-साथ शशि कपूर, परवीन बाबी और हेमा मालिनी भी अहम किरदारों में थे।
रिलीज के वक्त हालांकि, इसे उतनी सफलता नहीं मिली थी। फिल्म को दर्शकों और आलोचकों से मिश्रित प्रतिक्रिया मिली, और इसका बॉक्स ऑफिस कलेक्शन भी बहुत अच्छा नहीं था। लेकिन समय के साथ इस फिल्म ने अपनी पकड़ बनाई और एक स्लीपर हिट के रूप में उभरकर सामने आई।
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