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Up Kiran, Digital Desk: इजरायल में हमास के हमले को लेकर मोसाद के एक खुफिया दस्तावेज में बड़ा खुलासा हुआ है। इस दस्तावेज के अनुसार, कतर ने हमास को 94 करोड़ रुपए की वित्तीय मदद दी थी, जिसका उपयोग हमास ने इजरायल पर हमले के लिए किया।

इजरायली मीडिया चैनल 12 ने इस खुफिया दस्तावेज के आधार पर रिपोर्ट जारी की है, जिसमें बताया गया कि कतर के मंत्रियों के साथ इस्माइल हानिया और याह्या सिनवार ने फंडिंग के लिए बैठक की थी।

रिपोर्ट में कहा गया है कि हमास के संचालन और हथियारों की खरीद के लिए कतर ने करीब 11 मिलियन डॉलर (लगभग 94 करोड़ रुपए) की रकम दी थी, जो अक्टूबर 2023 में हुए हमले में भी खर्च हुई।

इस हमले में इजरायल के करीब 1200 लोग मारे गए थे, जो हमास का अब तक का सबसे बड़ा हमला था। पहले इस हमले में केवल ईरान की भूमिका सामने आई थी, लेकिन अब कतर की भी संलिप्तता उजागर हुई है।

ये खुलासा क्यों महत्वपूर्ण है

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का कतर के शेख के साथ कूटनीतिक संबंध हैं। नेतन्याहू के नेतृत्व में कतर के साथ कई व्यापारिक सौदे हुए हैं, और उन पर कतर से पैसे लेने के भी आरोप लग चुके हैं। नेतन्याहू खाड़ी देश कतर को तटस्थ मानते हैं। कतर में हमास से संबंधित कई बैठकों का आयोजन भी हुआ है। इस खुलासे से नेतन्याहू पर राजनीतिक दबाव बढ़ सकता है।

अब तक हमास के समर्थन में केवल ईरान पर ही इजरायल का ध्यान था, लेकिन इस खुलासे के बाद कतर भी इस सूची में शामिल हो जाएगा। कतर पर गुप्त रूप से आतंकवादियों का समर्थन देने के आरोप लगते रहे हैं, हालांकि कतर ने अभी तक इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।

कतर अमेरिका के साथ मिलकर हमास और इजरायल के बीच शांति समझौते का प्रस्ताव तैयार कर रहा था, लेकिन इस खुलासे के बाद यह प्रस्ताव प्रभावित हो सकता है, खासकर जब इजरायल पहले से ही समझौते के लिए उत्सुक नहीं था।

आगे क्या हो सकता है

इस मामले पर अब तक न तो इजरायल सरकार ने कोई बयान दिया है और न ही कतर ने। हमास और कतर के बीच मजबूत रिश्ते जगजाहिर हैं, लेकिन इस खुलासे के बाद इजरायल कतर से दूरी बना सकता है।

वहीं, मध्यस्थता के मामले में मिस्र की भूमिका बढ़ सकती है, क्योंकि कतर की वजह से मिस्र अब तक अलग-थलग था।

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