
Up Kiran, Digital Desk: हिंद महासागर में भारत की बढ़ती समुद्री ताकत और 'एक्ट ईस्ट' नीति के तहत भारतीय नौसेना (Indian Navy) लगातार अपनी वैश्विक पहुंच और साझेदारी को मजबूत कर रही है। इसी कड़ी में, 30 जुलाई, 2025 को भारतीय नौसेना के दो अग्रिम पंक्ति के युद्धपोत (Indian Naval warships) फिलीपींस पहुंचे हैं।
यह आगमन न केवल दोनों देशों के बीच समुद्री संबंधों (maritime ties) को और गहरा करेगा, बल्कि दक्षिण चीन सागर (South China Sea) में मौजूदा भू-रणनीतिक परिदृश्य में भी इसके गहरे निहितार्थ हैं। इस दौरे को भारत की रक्षा कूटनीति (defense diplomacy) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जा रहा है, जिसका उद्देश्य इंडो-पैसिफिक क्षेत्र (Indo-Pacific region) में स्थिरता और सुरक्षा को बढ़ावा देना है। यह विस्तृत विश्लेषण आपको गूगल डिस्कवर (Google Discover) और ट्रेंडिंग न्यूज़ (trending news) में अपनी जगह बनाने में मदद करेगा।
भारत और फिलीपींस: एक उभरती रणनीतिक साझेदारी
फिलीपींस के साथ भारत के संबंध ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से मजबूत रहे हैं। हाल के वर्षों में, विशेषकर इंडो-पैसिफिक में बढ़ती भू-रणनीतिक चुनौतियों ने इन संबंधों को और महत्वपूर्ण बना दिया है। दोनों देश समुद्री सुरक्षा (maritime security), समुद्री डकैती (piracy) और मानवीय सहायता एवं आपदा राहत (HADR - Humanitarian Assistance and Disaster Relief) जैसे मुद्दों पर साझा हितों को साझा करते हैं। फिलीपींस, जो दक्षिण चीन सागर में क्षेत्रीय दावों को लेकर लगातार सुर्खियों में रहता है, के लिए भारत जैसे मजबूत और विश्वसनीय भागीदार का सहयोग बेहद महत्वपूर्ण है।
भारतीय नौसेना जहाजों का दौरा: उद्देश्य और गतिविधियां
यह दौरा भारतीय नौसेना की निरंतर सक्रियता और मित्र देशों के साथ रक्षा सहयोग (defense cooperation) बढ़ाने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
कौन से जहाज? भारतीय नौसेना के जिन युद्धपोतों ने फिलीपींस का दौरा किया है, उनमें गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर आईएनएस कोलकाता (INS Kolkata) और फ्रिगेट आईएनएस सह्याद्रि (INS Sahyadri) शामिल हैं। ये जहाज भारतीय नौसेना के सबसे आधुनिक और सक्षम प्लेटफॉर्म में से हैं।
गतिविधियां: उम्मीद है कि इस यात्रा के दौरान दोनों नौसेनाओं के बीच कई तरह की गतिविधियां होंगी:
पोर्ट कॉल (Port Calls): मनीला या किसी अन्य महत्वपूर्ण बंदरगाह पर जहाजों का रुकना, जहां औपचारिक आदान-प्रदान और प्रोटोकॉल मुलाकातें होंगी।
व्यावसायिक आदान-प्रदान (Professional Exchanges): दोनों नौसेनाओं के कर्मियों के बीच विचारों का आदान-प्रदान, सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करना और एक-दूसरे के संचालन प्रक्रियाओं को समझना।
पासिंग एक्सरसाइज (PASSEX): बंदरगाह छोड़ने के बाद समुद्र में फिलीपीन नौसेना के जहाजों के साथ एक 'पासिंग एक्सरसाइज' होने की संभावना है, जो दोनों नौसेनाओं के बीच आपसी तालमेल (interoperability) और समुद्री कौशल को बढ़ाएगा।
सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम: दोनों देशों के बीच लोगों से लोगों के संबंधों को मजबूत करने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा।
इस दौरे का रणनीतिक महत्व: क्यों है ये इतना खास?
द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती (Strengthening Bilateral Relations): यह दौरा भारत और फिलीपींस के बीच बढ़ते रक्षा और रणनीतिक संबंधों का प्रमाण है। यह दोनों देशों के बीच विश्वास और समझ को और गहरा करेगा।
समुद्री सुरक्षा सहयोग में वृद्धि (Enhanced Maritime Security Cooperation): इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में बढ़ती चुनौतियों, विशेषकर दक्षिण चीन सागर में, को देखते हुए, दोनों नौसेनाओं के बीच सहयोग महत्वपूर्ण है। यह दौरा क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने में मदद करेगा।
भारत की 'एक्ट ईस्ट' नीति का प्रदर्शन (Showcasing India's 'Act East' Policy): यह दौरा भारत की 'एक्ट ईस्ट' नीति के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिसके तहत भारत दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के साथ अपने आर्थिक, सामरिक और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत कर रहा है।
इंडो-पैसिफिक विजन को बढ़ावा (Promoting Indo-Pacific Vision): भारत एक स्वतंत्र, खुले और समावेशी इंडो-पैसिफिक क्षेत्र का प्रबल समर्थक है। यह नौसेना यात्रा इस विजन को बढ़ावा देने और क्षेत्रीय भागीदारों के साथ काम करने की भारत की इच्छा को रेखांकित करती है।
रक्षा कूटनीति का विस्तार (Expansion of Defense Diplomacy): भारतीय नौसेना नियमित रूप से मित्र देशों के बंदरगाहों का दौरा करती है ताकि संबंधों को मजबूत किया जा सके और अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया जा सके। फिलीपींस की यह यात्रा इस रक्षा कूटनीति का एक प्रमुख उदाहरण है।
क्षेत्रीय संतुलन (Regional Balance): हालांकि किसी देश का सीधा उल्लेख नहीं किया जाएगा, यह दौरा दक्षिण चीन सागर में क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखने और उन देशों को आश्वासन देने के लिए महत्वपूर्ण है जो अपनी समुद्री संप्रभुता के बारे में चिंतित हैं। यह भारत को एक विश्वसनीय क्षेत्रीय शक्ति (regional power) के रूप में स्थापित करता है।
भविष्य की संभावनाएं: एक मजबूत साझेदारी
इस नौसेना यात्रा के बाद भविष्य में भारत और फिलीपींस के बीच और अधिक रक्षा सौदों (defense deals), संयुक्त नौसेना अभ्यास (joint naval exercises) और उच्च-स्तरीय बातचीत की उम्मीद है। दोनों देशों के बीच बढ़ते रक्षा संबंध न केवल उनकी अपनी सुरक्षा के लिए बल्कि व्यापक क्षेत्रीय स्थिरता (regional stability) के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। यह भारतीय नौसेना के लिए भी एक अवसर है कि वह अपनी अत्याधुनिक क्षमताओं का प्रदर्शन करे और यह स्पष्ट संदेश दे कि भारत वैश्विक समुद्री सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण और जिम्मेदार भागीदार है।
--Advertisement--