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53 वर्षीय एक्ट्रेस खुशबू सुंदर, जो अब पॉलिटिशियन भी हैं, उन्होंने जस्टिस हेमा कमेटी रिपोर्ट और रोजाना हो रहे शोषण की घटनाओं पर ट्विटर पर एक लंबा पोस्ट किया। इस ट्वीट में उन्होंने अपने बचपन की एक दर्दनाक घटना का उल्लेख किया, जिसमें उनके पिता ने उन्हें उत्पीड़ित किया था। अदाकारा ने उन महिलाओं को समर्थन दिया है जिन्होंने उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाई है और इस मुद्दे पर अपनी बेटियों से भी बात की है।
सोशल मीडिया पर किया लंबा चौड़ा पोस्ट
उन्होंने लिखा, "हमारी इंडस्ट्री में #MeToo मूवमेंट ने हमें हिला कर रख दिया है। उन स्त्रियों को सलाम जो अपनी बातों पर अडिग रहीं और सफल हुईं। हेमा कमेटी की रिपोर्ट की सख्त जरूरत है ताकि उत्पीड़न को रोका जा सके, मगर क्या ये वास्तव में प्रभावी होगी? शोषण, यौन लाभ की मांग और महिलाओं से ये उम्मीद कि वे अपने करियर में आगे बढ़ने के लिए समझौता करें, हर क्षेत्र में मौजूद हैं। अकेली महिला से ऐसा सहन करने की उम्मीद क्यों की जाती है? हालांकि पुरुष भी इसका सामना करते हैं, मगर इसका अंजाम महिलाएं ही भुगत रही हैं।"
साथ ही उन्होंने अपने पिता के गंदे काम का जिक्र करते हुए बताया, "कुछ लोग मुझसे पूछते हैं कि मैंने अपने पिता के दुर्व्यवहार के बारे में बात करने में इतना समय क्यों लगाया। मुझे लगता है कि मुझे पहले बोलना चाहिए था, लेकिन जो मेरे साथ हुआ, वो मेरे करियर के लिए समझौता नहीं था। मुझे उस इंसान के हाथों दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा, जो मुझे गिरने पर सबसे मजबूत बाहों से थामने वाला था।" खुशबू सुंदर ने सभी पुरुषों से अपील की कि वे पीड़ितों के साथ खड़े रहें और उनका समर्थन करें। हर पुरुष की जिंदगी में महिलाएं अहम हैं जिन्होंने उन्हें आकार दिया है। उनका समर्थन और सम्मान महिलाओं के लिए एक बड़ी उम्मीद हो सकती है।
 
                    
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