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Up Kiran, Digital Desk: देशभर में पहलगाम हमले ने गहरा सन्नाटा और शोक फैलाया था। इस घटना ने न केवल आम लोगों के दिलों को झकझोर दिया बल्कि सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता को भी चुनौती दी। आज हम आपको उस हमले से जुड़ी कुछ अहम जानकारियां देने जा रहे हैं जो अब धीरे-धीरे सामने आ रही हैं। इस हमले में पकड़े गए 26 वर्षीय मोहम्मद यूसुफ कटारी ने जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।

मोबाइल चार्जर बना बड़ा सबूत

कटारी की गिरफ्तारी के बाद मिली एक टूटी हुई मोबाइल चार्जर ने सुरक्षा एजेंसियों के लिए कई सवालों के जवाब खोल दिए। इसके जरिए पता चला कि कटारी ने आतंकवादियों के साथ कई बार संपर्क साधा था। वह 22 अप्रैल को हुए हमले से पहले तीन आतंकवादियों – सुलेमान (जिसे आसिफ भी कहा जाता है), जिबरान और हमजा अफगानी – से चार बार मिला। इन मुलाकातों के दौरान कटारी ने उन्हें जरूरी सामान उपलब्ध करवाए, जिनमें एंड्रॉइड मोबाइल फोन चार्जर भी शामिल था।

पहलगाम के हमलावरों को छुपाने वाला मार्ग कौन दिखा रहा था?

यूसुफ कटारी ने जांच में यह भी बताया कि उसने आतंकवादियों को श्रीनगर के बाहर ज़बरवान पहाड़ियों में छुपने और सुरक्षित निकलने के रास्ते बताएं। इस मदद के कारण ही वे आतंकवादी हमले के बाद लंबे समय तक सुराग से दूर रह सके। कुलगाम जिले के रहने वाले कटारी की गिरफ्तारी हफ्तों की जांच के बाद हुई, जिसमें सुरक्षा बलों को कई महत्वपूर्ण सुराग मिले।

ऑपरेशन महादेव और फॉरेंसिक जांच की बड़ी भूमिका

कटारी के कब्जे से जो सामान मिला, उसमें जुलाई के ऑपरेशन महादेव के दौरान बरामद सामग्री का भी फॉरेंसिक विश्लेषण शामिल था। यह ऑपरेशन उन तीन आतंकवादियों के खिलाफ था जिन्हें पहलगाम हमले से जोड़ा गया था और जिन्हें सुरक्षा बलों ने मार गिराया था। इससे यह साफ हो गया कि कटारी का आतंकवादियों के नेटवर्क से गहरा नाता था।

आतंकवादी समर्थन का बड़ा नेटवर्क?

सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि कटारी के जरिए कश्मीर घाटी में आतंकवाद का समर्थन करने वाले एक बड़े नेटवर्क का पता लग सकता है। यह मामला राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपा जा सकता है जो पहले से ही पहलगाम हमले की जटिल साजिश की तहकीकात कर रही है। अब तक एनआईए ने दो ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया है जो आतंकवादियों को जरूरी सुविधाएं मुहैया कराने में शामिल थे।