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Up Kiran, Digital Desk: बिहार की राजनीति में उस वक्त एक नया भूचाल आ गया, जब भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने जाने-माने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के खिलाफ 13,224 करोड़ रुपये का मानहानि का मुकदमा करने की धमकी दे डाली। जायसवाल ने प्रशांत किशोर को कानूनी नोटिस भेजकर कहा  कि या तो वह अपने झूठे और बेबुनियाद आरोपों के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगें, वरना इतने बड़े कानूनी एक्शन के लिए तैयार रहें।

क्या है पूरा मामला: यह विवाद प्रशांत किशोर के उस बयान से शुरू हुआ जिसमें उन्होंने संजय जायसवाल पर केंद्र सरकार की एक योजना से जुड़ा एक गंभीर आरोप लगाया था। प्रशांत किशोर ने दावा किया था कि संजय जायसवाल ने बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले में नल-जल योजना के तहत पाइप सप्लाई का ठेका एक खास कंपनी को दिलाने में मदद की और इसके बदले में उस कंपनी को भाजपा को चंदा देने के लिए मजबूर किया गया।

संजय जायसवाल ने दी तीखी प्रतिक्रिया

इस आरोप पर संजय जायसवाल बुरी तरह भड़क गए। उन्होंने इन सभी दावों को "पूरी तरह से झूठा, मनगढ़ंत और अपमानजनक" बताया। उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर की 'जन सुराज' यात्रा फ्लॉप हो चुकी है और अब वह अपनी राजनीतिक जमीन बचाने के लिए इस तरह के ऊल-जुलूल और झूठे आरोप लगा रहे हैं।

जायसवाल ने अपने कानूनी नोटिस में कहा है, "प्रशांत किशोर ने बिना किसी सबूत के मेरी प्रतिष्ठा को धूमिल करने की कोशिश की है। मैं अपने पूरे जीवन में कभी किसी ठेकेदार के साथ किसी सरकारी दफ्तर नहीं गया।"

उन्होंने प्रशांत किशोर को 72 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि अगर उन्होंने माफी नहीं मांगी, तो वे उनके खिलाफ 13,224 करोड़ रुपये का मानहानि का दावा ठोकेंगे।

यह मामला अब बिहार की राजनीति में एक बड़ी लड़ाई का रूप ले चुका है, और सब देख रहे हैं कि क्या प्रशांत किशोर माफी मांगते हैं या फिर बिहार की राजनीति देश के सबसे बड़े मानहानि के मुकदमों में से एक की गवाह बनती है।