military harassment: फारुख अब्दुल्लाह की पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस के नए विधायक कैसर जमशेद लोन ने हाल ही में एक दिलचस्प और हैरान कर देने वाला खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि जब वो किशोर थे, तब एक सैन्य अधिकारी ने उनके साथ अत्याचार किया, जिसके कारण उन्होंने आतंकी बनने का विचार किया था। लेकिन एक सीनियर अधिकारी के हस्तक्षेप ने उन्हें सही मार्ग पर लाने का काम किया। यह बयान उन्होंने जम्मू-कश्मीर विधानसभा में उपराज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान दिया।
विधायक ने सदन में अपने अनुभव साझा करते हुए कहा, “जब मैं युवा था, तब मेरे क्षेत्र में एक सैन्य कार्रवाई हुई थी और मैं 10वीं कक्षा का छात्र था। उस समय, मुझे और 32 अन्य युवाओं को पूछताछ के लिए चुना गया।” उन्होंने एक घटना का उल्लेख किया जिसमें एक आर्मी अधिकारी ने उनसे एक युवक के बारे में पूछा, जो आतंकियों में शामिल हो गया था। लोन ने उस युवक को जानने की बात कही, जिसके बाद उन्हें प्रताड़ित किया गया।
जमशेद ने कहा, “मेरी पिटाई की गई और जब मैंने बताया कि उस समय कोई आतंकी मौजूद नहीं था, तो मुझे फिर से पीटा गया।” लोन ने बताया कि जब एक वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे, तो उन्होंने उनसे पूछा कि वो भविष्य में क्या बनना चाहते हैं। लोन ने जवाब दिया, “मैं आतंकी बनना चाहता था।” जब अधिकारी ने उनके कारण पूछे, तो लोन ने अपनी यातनाओं की कहानी साझा की।
फिर आगे उन्होंने बताया कि उस बातचीत के बाद वरिष्ठ अधिकारी ने अपने जूनियर्स को कड़ी फटकार लगाई, जिससे उनके मन में व्यवस्था के प्रति विश्वास फिर से जागृत हुआ। उन्होंने ये भी कहा कि बाद में पता चला कि जिन 32 युवकों को पूछताछ के लिए बुलाया गया था, उनमें से 27 आतंकवादी संगठनों में शामिल हो गए थे। लोन ने उस आला अफसर का धन्यवाद किया और कहा कि अगर उन्होंने उस दिन मार्गदर्शन नहीं किया होता, तो शायद वह आज इस मुकाम पर नहीं होते।
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