Up Kiran, Digital Desk: राजस्थान के ब्यावर इलाके में उस वक्त चीखें गूंज उठीं जब एक बड़ी सीमेंट कंपनी के प्लांट में देर रात बॉयलर फट गया। हजारों डिग्री तपती हुई सामग्री सीधे नीचे काम कर रहे मजदूरों पर जा गिरी। देखते ही देखते तीन जिंदगियां हमेशा के लिए खामोश हो गईं।
पहला दिन ही बन गया आखिरी दिन
मरने वाले तीनों मजदूर उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे। सबसे दुखद बात यह कि दो युवकों का तो उस फैक्ट्री में काम करने का पहला दिन ही था। सुबह घर से निकले थे सपनों के साथ और रात होते होते उनके शव ठंडे पड़ चुके थे।
मृतकों में अजय कुमार (21 साल) और गोविंद मौर्य (22 साल) शामिल हैं जिन्होंने शुक्रवार को ही ड्यूटी जॉइन की थी। तीसरे मजदूर पप्पू कुमार (25 साल) पिछले एक महीने से यहीं काम कर रहे थे। तीनों उस वक्त ठीक उसी जगह खड़े थे जहां ऊपर बॉयलर लगा हुआ था।
रात करीब 11 बजे हुआ धमाका
पुलिस के मुताबिक रात ग्यारह बजे के करीब अचानक तेज आवाज हुई और पूरा बॉयलर फट गया। उसमें भरी गर्म सामग्री बौछार की तरह नीचे बरसने लगी। तीनों मजदूर बुरी तरह झुलस गए। बताया जा रहा है कि नब्बे फीसदी से ज्यादा जलने की वजह से मौके पर ही उनकी मौत हो गई। कोई कुछ समझ पाता इसके पहले सब खत्म हो चुका था।
हादसे की खबर फैलते ही पूरे प्लांट में अफरा तफरी मच गई। बाकी मजदूर इधर उधर भागने लगे। कई देर तक कोई समझ ही नहीं पाया कि आखिर हुआ क्या है।
पुलिस ने की ये कार्रवाई
सूचना मिलते ही ब्यावर थाना पुलिस मौके पर पहुंची। तीनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। फैक्ट्री मालिक और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ लापरवाही का मुकदमा दर्ज करने की तैयारी चल रही है।
पुलिस अब यह पता लगा रही है कि आखिर बॉयलर फटा कैसे। रखरखाव में कोताही तो नहीं बरती गई। सबसे बड़ा सवाल यह भी कि मजदूरों की सुरक्षा के लिए कोई इंतजाम क्यों नहीं थे। हेलमेट तक नहीं थे कई लोगों के पास।

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