
Up Kiran, Digital Desk: तिरुमाला (Tirumala) के नारायणगिरि पहाड़ी (Narayanagiri hillock) पर स्थित श्रीवारी पादलू (Srivari Padalu) में बुधवार को वार्षिक छात्रीकरणोत्सव पर्व (Chatrasthapanotsavam fete) बड़े ही श्रद्धाभाव और उत्साह के साथ मनाया गया. यह शुभ अवसर तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (Tirumala Tirupati Devasthanams - TTD) द्वारा आयोजित किया जाता है और भक्तों के लिए अत्यधिक आध्यात्मिक महत्व रखता है. हर साल हजारों श्रद्धालु इस अनूठे धार्मिक अनुष्ठान (religious ritual) के साक्षी बनने के लिए पहाड़ी पर इकट्ठा होते हैं.
रहस्यमयी पहाड़ी पर 'आस्था का छाता': वेदमंत्रों की गूंज और विशेष पूजा, क्या है इसका महत्व?
इस पर्व के हिस्से के रूप में, नारायणगिरि (Narayanagiri) की सबसे ऊंची चोटी पर एक नया छत्र स्थापित किया गया. यह प्रक्रिया वैदिक मंत्रों (Veda mantras) के निरंतर जाप और धार्मिक कर्मचारियों की एक टीम द्वारा दिव्य चरणों को विशेष पूजा (special pujas) अर्पित करने के बीच संपन्न हुई. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, श्रीवारी पादलू (Lord Venkateswara's footsteps) भगवान वेंकटेश्वर के पैरों के निशान हैं और इस स्थान को पवित्र माना जाता है. यहाँ छत्र स्थापित करना भगवान के प्रति सर्वोच्च सम्मान और उनके भक्तों के ऊपर उनके आशीर्वाद की निरंतरता का प्रतीक माना जाता है. इस विशेष अनुष्ठान (special ceremony) का उद्देश्य क्षेत्र की शांति और समृद्धि सुनिश्चित करना भी होता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यहाँ किए गए पूजन से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और आध्यात्मिक शांति की प्राप्ति होती है.
एक दर्शन के लिए हजारों की भीड़: कब खुले भक्तों के लिए द्वार, मंदिर अधिकारियों ने भी नवाया शीश!
छत्र स्थापना और विशेष पूजा-अर्चना के बाद, भक्तों को दर्शन (darshan) के लिए अनुमति दी गई. सुबह से ही सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु पहाड़ी की चोटी पर इस पवित्र क्षण का हिस्सा बनने के लिए पहुँचने लगे थे. दर्शनार्थियों ने प्रभु के दिव्य चरणों के दर्शन कर स्वयं को धन्य महसूस किया. इस दौरान मंदिर के अधिकारी (Temple officials) भी उपस्थित रहे, जिन्होंने पूरी प्रक्रिया का पर्यवेक्षण किया और व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग किया. यह वार्षिक उत्सव न केवल धार्मिक आस्था का प्रदर्शन है, बल्कि यह तिरुमाला (Tirumala tourism) में पर्यटन को भी बढ़ावा देता है और इसे 'आंध्र प्रदेश के प्रमुख धार्मिक स्थल' (major religious sites in Andhra Pradesh) में से एक बनाता है.