
Up Kiran, Digital Desk: विश्व तंबाकू निषेध दिवस के आसपास मुँह के कैंसर (Oral Cancer) पर चर्चा करना बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि तंबाकू का सेवन इस घातक बीमारी का सबसे बड़ा कारण है। भारत में, मुँह का कैंसर एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है, और इसके शुरुआती संकेतों को पहचानना तथा रोकथाम के उपायों को समझना जीवन बचाने के लिए महत्वपूर्ण है।
तंबाकू और मुँह के कैंसर का संबंध:
तंबाकू में कई हानिकारक रसायन होते हैं जो कोशिकाओं के डीएनए को नुकसान पहुंचाते हैं। यह क्षति कोशिकाओं को असामान्य रूप से बढ़ने और ट्यूमर बनाने का कारण बन सकती है। धूम्रपान, चबाने वाला तंबाकू (जैसे गुटखा, खैनी, पान मसाला), हुक्का और बीड़ी सहित तंबाकू के सभी रूप मुँह के कैंसर के जोखिम को नाटकीय रूप से बढ़ाते हैं।
बचाव के तरीके (सबसे प्रभावी):
मुँह के कैंसर का शुरुआती निदान इलाज की सफलता की संभावनाओं को काफी बढ़ा देता है। यदि आपको ऊपर बताए गए कोई भी लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर या दंत चिकित्सक से संपर्क करें। अपनी जान बचाने के लिए तंबाकू छोड़ना पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम है।
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