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Up Kiran, Digital Desk: आंध्र प्रदेश में पर्यटन को एक नई ऊंचाई पर ले जाने और पर्यटकों को स्थानीय संस्कृति का अनूठा अनुभव प्रदान करने के लिए सरकार ने एक बड़ी पहल की है। मान्यम जिले के कलेक्टर, डॉ. बी.आर. अंबेडकर ने अधिकारियों को पारंपरिक होटलों के बजाय 'होमस्टे' को बढ़ावा देने का निर्देश दिया है, ताकि इस क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता और समृद्ध आदिवासी संस्कृति से पर्यटकों को सीधे जोड़ा जा सके।

क्या है 'होमस्टे' का कॉन्सेप्ट?

होमस्टे एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें पर्यटक किसी होटल में ठहरने के बजाय स्थानीय लोगों के घरों में उनके साथ रहते हैं। इससे पर्यटकों को उस क्षेत्र के खान-पान, रहन-सहन और परंपराओं को करीब से जानने और अनुभव करने का मौका मिलता है। यह न केवल पर्यटकों के लिए एक यादगार अनुभव होता है, बल्कि यह स्थानीय लोगों के लिए आय का एक अतिरिक्त स्रोत भी बनता है।

सरकार का क्या है पूरा प्लान?

जिला कलेक्टर डॉ. अंबेडकर ने पर्यटन विभाग के अधिकारियों के साथ एक बैठक में इस योजना का खाका तैयार किया।

आदिवासी क्षेत्रों पर फोकस: अधिकारियों को विशेष रूप से सालुरु, गुम्मलक्ष्मीपुरम और कुरुपाम जैसे आदिवासी मंडलों में उपयुक्त घरों की पहचान करने का निर्देश दिया गया है, जिन्हें होमस्टे में बदला जा सके।

स्थानीय लोगों को प्रोत्साहन: प्रशासन स्थानीय लोगों को अपने घरों को होमस्टे के रूप में विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करेगा। पर्यटन अधिकारी इसमें उनकी मदद करेंगे और आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान करेंगे।

अनोखा अनुभव: कलेक्टर का मानना है कि जब पर्यटक सीधे स्थानीय परिवारों के साथ रहते हैं, तो वे वहां की जीवनशैली और संस्कृति का प्रामाणिक अनुभव प्राप्त करते हैं, जो किसी भी होटल में संभव नहीं है। इससे क्षेत्र के पर्यटन को एक नई पहचान मिलेगी।

जिले को टूरिस्ट हब बनाना: इस पहल का उद्देश्य मान्यम जिले को एक प्रमुख पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करना है। होमस्टे की सुविधा पर्यटकों को आकर्षित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।

यह कदम आंध्र प्रदेश में ग्रामीण और आदिवासी पर्यटन के लिए एक मील का पत्थर साबित हो सकता है। इससे न केवल पर्यटकों को एक नया और गहरा अनुभव मिलेगा, बल्कि स्थानीय समुदायों के सशक्तीकरण का मार्ग भी प्रशस्त होगा।