
Up Kiran, Digital Desk: किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों और उन्नत खेती के तरीकों से अवगत कराने के उद्देश्य से, तिरुपति में कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी (ATMA) प्रशिक्षण केंद्र में एक 15-दिवसीय विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया है। इस कार्यक्रम में शुरुआती चरण में चित्तूर जिले के विभिन्न मंडलों से आए लगभग 30 किसान भाग ले रहे हैं।
इस प्रशिक्षण कार्यशाला का मुख्य लक्ष्य किसानों के ज्ञान और कौशल को बढ़ाना है ताकि वे अपनी उपज बढ़ा सकें, लागत कम कर सकें और अपनी आय में वृद्धि कर सकें। कार्यक्रम के दौरान, किसानों को मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन, एकीकृत कीट और रोग प्रबंधन (IPM/IDM), आधुनिक सिंचाई पद्धतियों, नई फसल किस्मों, जैविक खेती के सिद्धांतों और कृषि उत्पादों के विपणन (मार्केटिंग) सहित विभिन्न विषयों पर विस्तृत जानकारी और व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जाएगा।
कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में, परियोजना निदेशक (Project Director) वी. रमना ने किसानों को संबोधित करते हुए इस प्रशिक्षण के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि बदलते समय में किसानों के लिए नवीनतम तकनीकों और वैज्ञानिक पद्धतियों को अपनाना अनिवार्य हो गया है। उन्होंने मृदा परीक्षण कराने और उसके आधार पर उर्वरकों का उपयोग करने, साथ ही एकीकृत कीट प्रबंधन तकनीकों को अपनाने पर जोर दिया, जो पर्यावरण के अनुकूल और लागत प्रभावी हैं।
ATMA प्रशिक्षण केंद्र के प्राचार्य वी. मुरली कृष्णा ने कार्यक्रम की रूपरेखा और आगामी 15 दिनों में कवर किए जाने वाले विषयों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों द्वारा किसानों को सैद्धांतिक ज्ञान के साथ-साथ व्यावहारिक प्रदर्शन भी दिए जाएंगे ताकि वे सीखी हुई बातों को आसानी से अपने खेतों में लागू कर सकें।
इस 15-दिवसीय कार्यक्रम से अपेक्षा है कि यह किसानों को सशक्त करेगा और उन्हें अधिक टिकाऊ और लाभदायक कृषि पद्धतियों को अपनाने में मदद करेगा, जिससे अंततः क्षेत्र की कृषि उत्पादकता और किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
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