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Uttarakhand News: बीते दो महीनों में पहाड़ी मार्गों पर सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या के जवाब में, उत्तराखंड में परिवहन विभाग ने इन सड़कों पर गति सीमा लागू करने का फैसला किया है। विभाग ने सड़क यातायात शिक्षा संस्थान (आईआरटीई), फरीदाबाद को 110 किलोमीटर लंबी सड़क पर एक परीक्षण अध्ययन करने का काम सौंपा है। ये अध्ययन यातायात दबाव, सड़क की चौड़ाई, ढाल, सुरक्षा उपायों और पिछली दुर्घटनाओं का विश्लेषण करके उचित गति सीमा तय करेगा।

अध्ययन के बाद, इस सड़क पर विभिन्न स्थानों पर आवश्यकताओं के अनुसार अलग-अलग गति सीमाएँ तय की जाएँगी। परिवहन विभाग आईआरटीई की सिफारिशों के बाद इन सीमाओं को सख्ती से लागू करेगा। हाल ही में हुई दुर्घटनाओं, जिसमें वाहन पलटने और खड्डों में गिरने से होने वाली मौतें शामिल हैं, उनको देखते हुए प्रभावी गति विनियमन स्थापित करने की तत्काल आवश्यकता है।

आईआरटीई राज्य परिवहन अधिकारियों को मानकों के अनुसार गति सीमा निर्धारित करने के लिए प्रशिक्षित करेगा, ताकि भविष्य में सभी सड़कों पर इसका अनुपालन सुनिश्चित हो सके और हादसे ना हो।

अफसरों द्वारा 110 किलोमीटर लंबी सड़क का वर्गीकरण यह निर्धारित करेगा कि सुरक्षित गति सीमा पहले कहां लागू की जाएगी। इस पहल का उद्देश्य आगे होने वाली दुर्घटनाओं को रोकना और पूरे राज्य में सड़क सुरक्षा को बढ़ाना है।

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